चंडीगढ़: 7.29 करोड़ की बैंक ठगी—पेश नहीं तो संपत्ति नीलाम

CBI ने इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) के साथ 7.29 करोड़ रुपए की बड़ी ठगी के मामले में मोहाली स्थित अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के आठ आरोपितों के खिलाफ सितंबर 2019 में चार्जशीट दाखिल कराई थी। जांच के अनुसार फर्जी कंपनियों के जरिए लिया गया यह कर्ज वास्तविक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया और इसे जालसाजी के आधार पर दर्शाया गया, जिससे बैंक को बड़ा नुकसान हुआ। फिलहाल इस मामले के प्रमुख आरोपी फरार बताए जा रहे हैं और CBI की ओर से उनकी खोज तेज रखने के संकेत दिए गए हैं। ऐसे में अदालत और मिली-जुली जिम्मेदारियों के बीच जमानत लेने वाले आरोपियों के भगोड़े हो जाने के मुद्दे पर भी कई सवाल उठ रहे हैं। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए CBI के आधिकारिक पोर्टल पर देखें CBI Official Portal.

घोटाले के मुख्य आरोपियों में अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक अमरिंदर सिंह गोरवारा, उनके बेटे साहिल गोरवारा और पत्नी दलजीत कौर शामिल हैं, जिन्हें अदालत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है। अदालत ने इन जमानतियों के संज्ञान लेते हुए इनके जमानती पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे ताकि आरोपियों को अदालत में पेश कराया जा सके। लेकिन जमानती नहीं आ सके, जिसके परिणामस्वरूप 70 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया। एक जमानती ने यह रकम जमा कर दी, जबकि अमरिंदर और दलजीत कौर के जमानती अत्तर सिंह (Derabassi) ने जुर्माना भरने से इनकार कर दिया। अदालत ने अब अत्तर सिंह की संपत्ति की नीलामी कर जुर्माने की वसूली की Tentative योजना बना दी है। CBI ने Derabassi के कलेक्टर को निर्देश दे रखा है कि अत्तर सिंह की संपत्ति बेचकर वसूली संभव हो सके। बैंक धोखाधड़ी के मामलों में यह एक कड़ा संदेश है कि भगोड़े जमानत पर बच नहीं पाएंगे। अधिक जानकारी के लिए RBI की आधिकारिक वेबसाइट देखें Reserve Bank of India.

सीबीआई की शुरुआती बिंदुओं के अनुसार 7.29 करोड़ रुपए का कर्ज प्राप्त कर इसे नकली कंपनियों के खातों में स्थानांतरित किया गया और इस पूरी प्रक्रिया में जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया। इस फर्जी नेटवर्क के चलते इंडियन ओवरसीज बैंक को भारी नुकसान हुआ और बैंकिंग सुरक्षा के लिए सुरक्षा-पूर्णकृत निगरानी की जरूरत एक बार फिर उजागर हुई। इस प्रकार के घोटालों के खिलाफ संस्थागत व कानूनी प्रक्रियाओं को तेज करना सुगम नहीं होता, बावजूद इसके जांच एजेंसियों ने फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के रास्ते तलाशना शुरू कर दिया है। आप और अधिक पुख्ता विवरण के लिए देखें RBI Official Website.

चार्जशीट के अनुसार कुल आठ आरोपितों के नाम शामिल हैं: अमरिंदर सिंह गोरवारा (कंपनी के मालिक), साहिल गोरवारा (पुत्र), दलजीत कौर (पत्नी), परमिंदर सिंह ( privée कंपनी के निदेशक), आदर्श कुमार राजवंशी (तत्कालीन बैंक मैनेजर), विजय कुमार ग्रोवर (अधिकारी), सत्य कुमार पारीख (पूर्व चीफ मैनेजर) और राज कुमार पांजला (पूर्व सीनियर मैनेजर). इस सूची से स्पष्ट होता है कि घोटाला न केवल कंपनी-स्तर पर हुआ बल्कि बैंकिंग इकाइयों के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों की भूमिका के संकेत भी मिलते हैं, जिसे लेकर सावधानियों और जवाबदेही के मानदंड फिर से परखने होंगे। आगे की कानूनी प्रक्रियाएं और आरोपियों की सुनवाई इस मामले की दिशा तय करेंगी।

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