चांदनी चौक में गुरु तेग बहादुर की शहादत का जीवंत नज़ारा

लुधियाना के आर्य कॉलेज की एनएसएस इकाइयों और एनसीसी विंग ने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर एक गहन, सार्थक और प्रेरक अतिथि व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया। इस आयोजन का मूल उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि प्रदान करना था, जिसे धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और मानवता की सुरक्षा के लिए एक ऐतिहासिक मिसाल के तौर पर याद किया जाता है। कार्यक्रम ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि अत्याचार के कठिन दौर में सत्य, नैतिकता और समानता के लिए खड़ा होना कितना जरूरी है, और युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को प्रबल करने में यह गतिविधि मददगार साबित हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत यहाँ के गुरु नानक नेशनल कॉलेज, दोराहा के सहायक प्रोफेसर संदीप सिंह हुंदल के प्रेरक व्याख्यान से हुई। अपने संबोधन में उन्होंने गुरु तेग बहादुर की अटूट हिम्मत, मानवाधिकारों के लिए उनकी प्रतिज्ञा और उनके शिक्षाओं की सार्वभौमिक प्रासंगिकता पर गहन प्रकाश डाला। इतिहास के ठोस संदर्भों के सहारे उन्होंने कहा कि किस तरह गुरु जी ने दिल्ली के चांदनी चौक में बलिदान देकर धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को एक व्यापक मानव-मूल्य के रूप में स्थापित किया, जिसे आज भी विश्व بھر में मान्यता प्राप्त है और जो प्रत्येक सभ्यता के लिए प्रेरणा है।

व्याख्याता ने गुरु जी की विचारधारा के विविध आयामों पर रोशनी डाली—धर्म के प्रति समभाव, अन्याय के विरुद्ध शांतिपूर्ण संघर्ष, और मानवता के साथ समान व्यवहार की सीख। उनके अनुसार गुरु तेग बहादुर का बलिदान सिर्फ सिख समुदाय के लिए नहीं, बल्कि समूचे मानव इतिहास के लिए एक चेतावनी और प्रेरणा दोनों है। कार्यक्रम ने न सिर्फ गुरु तेग बहादुर जी के अद्वितीय योगदान की स्मृति ताजा की, बल्कि छात्रों और शिक्षकों में धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक एकता और शांतिपूर्ण आवाज के मूल्यों को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।

आर्य कॉलेज की प्राचार्य डॉ. सूक्ष्म आहलूवालिया ने इस आयोजन के पीछे NSS इकाई और NCC विंग की कड़ी मेहनत और टीमवर्क की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के लिए एक प्रकाशस्तम्भ की तरह हैं, जो मानवता के सम्मान और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एक जिम्मेदारी की भावना जगाते हैं। आगे भी कॉलेज के छात्र-छात्राएँ इतिहास-सम्वेदना और सामाजिक जवाबदेही को मजबूत करने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान का वास्तविक सार अपने जीवन में दृढ़ करने का प्रयास करेंगे।

अधिक जानकारी और संदर्भ हेतु देखें: Guru Tegh Bahadur – Wikipedia और Britannica: Guru Tegh Bahadur.

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