भास्कर न्यूज | लुधियाना: शनिवार की सुबह दरेसी मैदान में कदम रखते ही ऐसा लगा मानो शहर एक पवित्र आध्यात्मिक नगरी में बदल गया हो। भगवा झंडों की लहर, रंग-बिरंगी सजावट और श्रद्धा में डूबे चेहरे चारों ओर दिखाई दे रहे थे। श्री हिन्दू न्याय पीठ द्वारा आयोजित 20वें राज्य स्तरीय सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ ने इस बार अपने भव्य पैमाने, अनुशासन और 8 हजार स्कूली बच्चों की उपस्थिति के कारण खास पहचान बनाई। आयोजन का संचालन मुख्य सेवादार प्रवीण डंग के नेतृत्व में हुआ; मैदान सुबह से ही उत्साह और उम्मीद से गूंज रहा था, बच्चों की लाइनें लग गई थीं और शिक्षक उन्हें क्रम से बैठा रहे थे। मंच पर संत समाज और विद्वानों का आगमन निरंतर बना रहा, जिनके आशीर्वाद से कार्यक्रम की शुरुआत मजबूत बनी।
कार्यक्रम की शुरुआत संतों के आशीर्वाद से हुई, और मंच पर प्रतिष्ठित संत-विद्वानों की मौजूदगी ने इसकी गरिमा को नयी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। स्वामी दयानंद सरस्वती, दिव्या ज्योति जाग्रति संस्थान से स्वामी कपिला भारती, स्वामी अमित भारती, स्वामी विश्व भारती, स्वामी अध्यात्मानंद, स्वामी निष्काम भारती जैसे संत मंच पर विराजमान रहे और मंच समेत आसपास के प्रांगण में श्रद्धालुओं की आस्था गहराती चली गई। वेद मंत्रों के उच्चारण से वातावरण पवित्र और भक्तिमय हो उठा, और कुछ पल के लिए भीड़ मंत्रमुग्ध हो गई। माता-पिता और बुजुर्ग भावुक होकर बच्चों की नन्ही გადაიंाओं को देखते रहे, मानो यह दृश्य उनके लिए आशीर्वाद बन गया हो।
तुरंत इसके बाद भजन गायक कुमार गौरव ने अपनी मधुर आवाज से माहौल में ऊर्जा भर दी। उनके सुरों ने बच्चों की थकान को भक्ति-उत्साह में बदल दिया, और जैसे-जैसे उन्होंने जय हनुमान ज्ञान गुन सागर… के स्वर मिलाए, पूरा मैदान एक कंपन के साथ गूंज उठा। आवाज़ इतनी पवित्र और धारदार थी कि कुछ क्षणों के लिए सब कुछ शांत पड़ गया; माता-पिता और वरिष्ठजन भाव-विहवल हो उठे तथा बच्चों को फूट-फूटकर हर्ष व्यक्त करते देखा गया। यह दृश्यमान आध्यात्मिकता का प्रमाण-सा प्रतीत हुआ, जो सबके चेहरों पर एक नया विश्वास जगा गया।
कार्यक्रम में विधायक मदन लाल बग्गा, आहूजा बूटा, दिनेश मरवाहा, बलबीर गुप्ता, राकेश कपूर, प्रवीण बांसल, राजीव कतना, गुरदीप सिंह गोशा, विपन विनायक और पवन शर्मा जैसे मान्यवरों की मौजूदगी ने आयोजन की गरिमा और बढ़ा दी। मुख्य प्रवक्ता प्रवीण डंग ने कहा कि ऐसे आयोजनों का उद्देश्य बच्चों को नशे से दूर रखना, संस्कारों को मजबूत बनाना और एकता का संदेश फैलाना है। इस प्रकार के कार्यक्रम, जो स्कूल और परिवार को एक साथ जोड़ते हैं, भावी पीढ़ी के लिए प्रेरक बनते हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें: हनुमान चालीसा और लुधियाना.
Related: पंजाब में रातों का पारा 1.6°C गिरा—फरीदकोट सबसे ठंडा