पंजाब शिवसेना के प्रमुख संजीव घनौली और उनके सहयोगी सचिन घनौली को सोमवार दोपहर लगभग 2 बजे व्हाट्सऐप पर एक विदेशी नंबर से धमकी भरा संदेश मिला, जिसमें उनकी जान लेने की बात कही गई। कॉल किए गए नंबर की पहचान यूके का था और वह व्यक्ति खुद को बघेल सिंह बताये जा रहा था। उसने दावा किया कि फिरोजपुर में एक RSS नेता के पोते की हत्या उसी ने करवाई है और यह भी कहा कि वह “शेर-ए-पंजाब ब्रिगेड” का सदस्य है। संजीव घनौली के अनुसार, कॉलर ने दोनों को खत्म करने की खुली धमकी दी और बताया कि वह और उनके समर्थक पंजाब में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इस धमकी के साथ-साथ कॉलर ने धमकी की शैली में ही खुद को एक संगठन का सदस्य बताकर στεरध के आस-पास के दायरे में भी हर्षित संकेत दिए।
घनौली ने साफ किया कि इन धमकियों से वे डरकर भागने वाले नहीं हैं और उन्होंने स्पष्ट किया कि वे हिंदुत्व और पंजाब के हितों के लिए हमेशा खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े रहेंगे। कॉलर ने बातचीत के दौरान उन पर हिंदू पंचायतें, रैलियाँ और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर पंजाब के माहौल को बिगाड़ने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पंजाब के वातावरण को नुकसान पहुँचाने के प्रयास विदेशों में बैठे कुछ लोगों द्वारा चलाये जा रहे हैं, लेकिन वे किसी दबाव में नहीं आएंगे और अपनी कोशिशों को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
इन घटनाक्रम के बाद संजीव घनौली और सचिन घनौली ने प्रशासन से आग्रह किया है कि ऐसे तत्वों को तुरंत पकड़ा जाए और पंजाब के माहौल को बिगाड़ने वाले हर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। सुरक्षा की दृष्टि से उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि घटनाओं की त्वरित और सक्षम जांच हो और धमकी देने वालों के विरुद्ध आवश्यक क़ानूनी कार्रवाई की जाए। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस विभाग से मिली सहायता, साथ ही जनता का सहयोग जरूरी है ताकि इस प्रकार की धमकियाँ और सोशल मीडिया/डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की जा रही धमकियों पर موثر नियंत्रण रखा जा सके। पंजाब पुलिस के साथ-साथ खुफिया तंत्र को भी इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं का नेटवर्क उजागर हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं से पंजाब की शांति-प्रगति बनी रहे। इसके लिए उन्होंने Punjab Police द्वारा उपलब्ध सुरक्षा उपायों और मदद की मांग भी दोहराई है, ताकि कानून-व्यवस्था पर कोई असर न पड़े। साथ ही मीडिया और नागरिकों से भी यह अपेक्षा उठती है कि वे ऐसे मामलों में जिम्मेदारी से रिपोर्टिंग और जानकारी साझा करें, ताकि संदिग्ध गतिविधियों की पहचान समय रहते हो सके। संदिग्ध कॉल और संदेशों के बारे में शिकायत करने के लिए स्थानीय थाने या साइबर क्राइम सेल से संपर्क किया जाना चाहिए, ताकि इस तरह के अपराधों पर तात्कालिक कार्रवाई संभव हो सके।
यह घटना पंजाब में राजनीतिक-धार्मिक ध्रुवीकरण के खतरे की एक गम्भीर चेतावनी है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक मजबूत संदेश देती है कि देश के किसी भी कोने से आए संकेतों को धैर्यपूर्वक और कानून के दायरे में ही निपटाया जाएगा। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी धमकियाँ साइबर स्पेस और पब्लिक लाइफ दोनों जगहों पर तनाव बढ़ाती हैं, इसलिए प्रशासन को सतर्क रहते हुए फौरन कार्रवाई और नागरिक सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए। आगे की रिपोर्टिंग में यह देखा जाएगा कि प्रशासन इस मामले को किन तरीकों से सुलझाता है और क्या-क्या गिरफ्तारियाँ या साइबर-प्रवर्तन कदम उठाये जाते हैं ताकि पंजाब का माहौल शांत और सुरक्षित रहे।
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