भास्कर न्यूज़ की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार अमृतसर नगर निगम ने थ्री आर कंपनी को कूड़ा उठाव का ठेका दिया है, जिसे प्रभावी हुए लगभग दो महीने बीत चुके हैं। ठेके के मुताबिक मशीनरी के सेटअप और बाकी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए 90 दिनों की समय-सीमा निर्धारित थी, जबकि ग्राउंड लेवल पर डोर-टू-डोर कूड़ा उठान शुरू करने के लिए 30 दिन का अतिरिक्त वक्त रखा गया था। लेकिन अभी तक निगम और कंपनी के अधिकारी केवल योजना बनाते हुए ही नजर आ रहे हैं; वास्तविक क्रियान्वयन पर अभी ठोस कदम नहीं उठे हैं। पहले यह कहा गया था कि 240 गाड़ियाँ लाई जाएंगी, फिर प्लान बदला गया और रिक्शा-ट्रॉलियों के जरिए कूड़ा उठाने तथा बेल बजाकर डोर-टू-डोर सर्विस शुरू करने की चर्चा चली, साथ ही पार्किंग स्पेस और कूड़ा प्रोसेसिंग साइट तय करने का कार्य भी अधर में है।
15 दिसंबर तक पूरी क्षमता के साथ कूड़ा उठाने का लक्ष्य नजदीक आते-आते फेल दिख रहा है, क्योंकि शहरवासी कूड़ा संकट से जूझ रहे हैं और निरंतर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं। बावजूद इसके निगम अफसरों का इस दिशा में ध्यान अभी भी कमजोर है। कंट्रोल रूम की स्थापना और समन्वय तंत्र अभी तक स्थापित नहीं हो सके हैं। 30 नवंबर तक 100 गाड़ियाँ लाने का दावा किया गया था, परन्तु वास्तव में मात्र 9 गाड़ियाँ पहुँच पाईं। पुरानी गाड़ियों को वाल्ड सिटी जैसे इलाकों में चलाने की कवायद जोर पकड़ चुकी है, लेकिन їхकी खराब स्थिति के कारण उनके बारे में अधिकारी स्पष्ट टिप्पणी करने से बचते दिखाई दे रहे हैं। 11 नई गाड़ियाँ 26 नवंबर तक पहुँचने की सूचना दी गई थी, लेकिन डोर-टू-डोर कूड़ा उठान कब से शुरू होगा, इसकी तिथि अभी तय नहीं हो पाई है।
कंपनी के डायरेक्टर राजीव से कई बार संपर्क किया गया, मगर जवाबों का आवज नहीं मिला; मैसेज के जरिए भी समुचित जवाब नहीं पहुँचे। या तो स्पष्ट उत्तर नहीं मिला या सारी योजना सिर्फ पेपर पर पड़ी है। ऐसी स्थिति में निगम ने एक उच्चस्तरीय मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया है ताकि जो भी प्लान बनाकर दिया गया था, उसका व्यवहारिक असर कितना रहा, यह जाना जा सके। मीटिंग में यह भी पूछा जाएगा कि किस दिन से डोर-टू-डोर कूड़ा उठान शुरू किया जाएगा, कंपनी कितनी गाड़ियाँ ला पाई और ग्राउंड पर काम कब से शुरू होगा। साथ ही निगम अधिकारी यह जानना चाहेंगे कि उनके स्तर पर किन-किन कागजी कार्रवाईयों को पूरा किया गया है, और किन दस्तावेजी प्रक्रियाओं पर अभी भी रोक है।
यह स्थिति स्पष्ट करती है कि शहर को एक स्पष्ट, समयबद्ध और जवाबदेह योजना की आवश्यकता है। पिछले तीन महीनों में तीन बड़े धरने होते रहे, पर असर नहीं दिखा, जिससे जनता में निराशा बढ़ी है। अब नगर निगम और कंपनी दोनों के लिए ठोस जवाबदेہی तय करने का समय है: एक सटीक रोडमैप बनाकर KPI निर्धारित करना, नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) को प्रभावी बनाकर निगरानी मजबूत करना, और 15 दिसंबर तक कूड़ा उठान की समुचित क्षमता सुनिश्चित करना। अधिक जानकारी और नीति के संदर्भ हेतु देखें: Solid Waste Management guidelines और Amritsar district portal. यह खबर पढ़ते समय आप अपने शहर के स्वच्छता-प्रबंध पर लक्ष रखें, ताकि स्थानीय प्रशासन पारदर्शी रूप से जवाब दे सके और यातायात/स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर दिखे।