जालंधर में नाबालिक लड़की की हत्या के बाद पूरे शहर में आक्रोश है और पुलिस पर कार्रवाई की मांग तेजी से उठ रही है. अलग–अलग सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन कर पुलिस कमीशनर हमलों में कठोर बदला लेने की मांग की है. प्रमुख संगठनों के साथ—साथ कैंडल मार्च भी निकाले गए, ताकि पीड़िता के परिवार को नैतिक समर्थन मिल सके. टाइगर फोर्स के प्रधान जस्सी तल्लण ने सभी धार्मिक और सामाजिक समूहों को एक साथ लाकर पुलिस कमिश्नर के खिलाफ प्रदर्शन की घोषणा की है, ताकि मामले की तेज़ और निष्पक्ष जांच हो सके और दोषी को कठोर सज़ा मिल सके. इस बीच सोशल मीडिया पर भी पुलिस कार्रवाई की मांग तेज हो गई है, जिससे_pressure_ की धार साफ दिख रही है.
आक्रामक प्रतिक्रियाओं में शामिल Amritpal मैहरों ने एक ऑडियो संदेश जारी कर कहा कि परिवार गुरु की फौज और निहंग सिंह जत्थेबंदियों से इंसाफ की गुहार लगाएंगे; कानून उसे सजा दे या न दे, लेकिन निहंग सिंह उसे सज़ा जरूर कर देंगे. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस आरोपी ने सिखों का सिर झुकाया है, उसे कभी माफ नहीं किया जाएगा. इन धाराओं के साथ स्थानीय नेताओं ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं; पूर्व सांसद सुशील रिंकू ने कहा कि पीड़ित परिवार की स्थिति पर गहन जांच जरूरी है और कार्रवाई उसी हिसाब से होगी. कई नेताओं ने कहा कि घटना के पीछे के तथ्य बताए जाने चाहिए, और अगर पुलिस द्वारा उचित विभागीय कार्यवाई नहीं की गई तो शहर में और कड़े प्रदर्शन होंगे. मां ने मीडिया के सामने रो-रो कर बयान दिए, लेकिन जांच की प्रक्रिया पर संतोषजनक स्पष्टता की मांग जारी रही.
स्थानीय राजनीति में भी मांग उठी कि पुलिस के ऊपर कड़ी निगरानी और जवाबदेही तय हो. शीतल अंगुराल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग में शिकायत दर्ज कराई जाएगी, और जानकारियों के अनुसार घटना के दिन पुलिस कर्मियों की मौजूदगी कम थी. दूसरे दिन मौके की गई तलाशी के दौरान कुछ पुलिस कर्मी घर पर चाय पीते मिले—यह तथ्य लोगों के बीच चिंता का कारण बना. परिवार ने कहा कि उनकी बेटी की अंतिम अरदास 27 नवंबर को अखंड पाठ साहिब के साथ होगी; 12:30 से 1:30 बजे तक मिट्ठू बस्ती में पाठ के भोग और अरदास का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है. पारुल की शांति के लिए अखंड पाठ आरंभ किया जाएगा, ताकि परिवार को मानसिक संबल मिल सके.
इस बीच सोशल मीडिया पर पंजाब की प्रतिष्ठित महिला नेतृत्व के लिए आवाज़ उठाने वाले नैंसी ग्रेवाल ने कहा कि जालंधर की पुलिस मुखिया एक महिला हैं और उन्हें पीड़िता के लिए स्पष्ट और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आरोपी को सज़ा देने की कानूनी प्रक्रिया को तेजी दी जाए और पुलिस कंपनियों को फ्रेश डिसमिस के बजाय ठोस कदम उठाने चाहिए. ABVP के विद्यार्थियों ने भी सीपी धनप्रीत कौर पर सवाल उठाए, यह कहा गया कि घटना के तीन दिन बाद परिवार के पास जाकर संवाद स्थापित किया गया. वेन उनके अनुसार, जांच का नाम पर बचाव नहीं होना चाहिए; हत्या के साथ-साथ दुराचार के आरोप भी प्रकाश में आना चाहिए. पंजाब की बेटियाँ सुरक्षित हों, इसे साबित करने के लिए प्रभावी एक्शन जरूरी है.
पाठ solidary के साथ, नागरिकों की मांग है कि न UPC/कानूनी विभागों की संरेखित प्रक्रिया के माध्यम से जल्द से जल्द सजा हो और सभी जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई हो. आप चाहे तो इन घटनाओं से जुड़े ताजा अपडेट्स के लिए नीचे दिए गए आधिकारिक स्रोत देखें: पंजाब पुलिस आधिकारिक वेबसाइट और राष्ट्रीय महिला आयोग. शहर और देश के जागरूक नागरिक चाहते हैं कि कानून व्यवस्था के आरोप–प्रत्यारोप खत्म हों और न्याय की रोशनी हर घर तक पहुँचे.
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