शनिवार को पंजाब रोडवेज, PRTC और पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन की अनिश्चितकालीन हड़ताल का दूसरा दिन रहा। राज्य सरकार की ओर से यूनियन के प्रमुखों और प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर थानों में रखने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। पुलिस की इस कार्रवाई के चलते सुरक्षा बलों की मौजूदगी बढ़ गई और परिवहन सेवाओं पर पड़ने वाले दबाव को कम करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए। हड़ताली कर्मचारियों के कारण कई रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित रहीं, जबकि यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में सूचनाओं के साथ आगे की योजनाएं बताई गईं।
घटना के दौरान पटियाला के घग्गा थाने में हिरासत में लिए गए मुलाजिमों की मौजूदगी भी दर्ज हुई। उसी क्रम में कुछ कर्मचारियों को अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया, ताकि उनकी स्थिति का ताजा रुख समझा जा सके। अस्पताल में बैठे इन कर्मचारियों ने पंजाब की सिख जत्थेबंदियों से अपील की कि वे उनके पक्ष में खड़े हों और उनके केसों के साथ पगड़ी–दस्तार की बेअदबी के मामला भी देखने की मांग करें। उनका कहना था कि प्रदर्शन के समय पुलिस के कड़े कदमों के कारण कुछ मुलाजिमों की पगड़ियाँ उतरवाने जैसी घटनाएं भी सामने आईं और उनसे जुड़े केसों को घसीटा गया।
यूनियन का मानना है कि पुलिस द्वारा भारी बल का प्रयोग कर प्रदर्शन के दौरान हाथ-पैर पकड़कर उठाने, पगड़ी उतरवाने जैसी कार्रवाइयां हुईं। उन्होंने Sikh जत्थेबंदियों से अनुरोध किया कि वे उनके साथ खड़े हों ताकि पगड़ी बेअदबी के खिलाफ आवाज बुलंद हो सके और उनका समर्थन मिले। इस मोर्चे पर उन्होंने स्पष्ट किया कि वे अपने हक के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आवाज उठा रहे थे, और इतनी कड़ी सख्ती क्यों बरती जा रही है, यह समझ से परे है। यूनियन ने कहा कि जब तक उनके बहाली के आदेश जारी नहीं होते और जिन साथियों के ऊपर केस दर्ज हैं, उनके केसों का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
यूं कहा जा सकता है कि बहाली के आदेश सामने आते ही कदम उठाए जाएंगे, अन्यथा हड़ताल और भी तेज होती जाएगी। यूनियन ने स्पष्ट किया है कि वे किसी भी दबाव के आगे नतमस्तक नहीं होंगे और जिस दिन तक सभी साथियों की बहाली सुनिश्चित नहीं हो जाती, तब तक उनका प्रदर्शन और आवाज जारी रहेगी। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और प्रशासनिक दबाव के बीच यह आंदोलन एक अहम मोड़ ले चुका है, और विभिन्न समूहों के बीच संवाद के जरिए हल निकालने की उम्मीद बनती दिख रही है। Government of Punjab और Punjab Police जैसे आधिकारिक स्रोतों से स्थिति पर ताजा आधिकारिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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