संगरूर सांसद की खुली चुनौती: “मां का दूध पिया है तो FIR दिखाओ”

तरनतारन उपचुनाव के बीच गैंगस्टर मुद्दे की गर्माहट

तरनतारन के किराने की दुकान पर हत्या से वातावरण गर्म हो गया है. चंडीगढ़ में बदमाश की गोली मारकर हत्या ने भी दहशत बढ़ाई है. पंजाब की राजनीति में गैंगस्टर मुद्दा फिर से उबाल मार रहा है. यह विवाद तरनतारन उपचुनाव के बीच शुरू हुआ था. मान ने कांग्रेस नेता सुखजिंदर रंधावा पर आरोप लगाए. उनके अनुसार रंधावा गैंगस्टरों को संरक्षण देते हैं. कांग्रेस इसे राजनीतिक बयान तक सीमित रखना चाहती है. इस मुद्दे पर हर तरफ बयानबाजी तेज हो गई है. सत्ता विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप बढ़ रहे हैं. राज्य में कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता पैदा हो रही है. जनता सवाल कर रही है कि प्रशासन कैसे निपट पाएगा. स्थिति से राज्य की कानून-व्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा. जनता भी इसे समझना चाहेगी और सही जवाब चाहती है.

हरमीत मीत हेयर के बयान से कटघरा बदला

इसके बाद संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद हरमीत सिंह मीत हेयर ने भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि गैंगस्टर मुद्दा पहले पैदा किया गया और फिर उनका इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा जो लोग पंजाब में माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे वही हैं. अगर सच है तो उनके क्षेत्र में जाँच हो सकती है. मीत हेयर ने कहा कि यह लोग लॉ एंड ऑर्डर पर बयान दे रहे हैं, पर हाथ उनका है. यह बयान राजनीतिक हलचल बना गया है. कांग्रेस सांसद सुखजिंदर रंधावा ने पलटवार किया. रंधावा ने कहा कि मैं उसे चुनौती देता हूँ. अगर मां का दूध पिया है, तो FIR दर्ज कराओ. गैंगस्टर मेरे खिलाफ अदालत गए थे. तब दिल्ली में शिफ्ट हुए थे, यह सच है. उन्होंने डीजीपी को एडहॉक पर रखने पर सवाल उठाए. मुख्यमंत्री मान ने भी उत्तर दिया कि रंधावा गैंगस्टरों के नाम क्यों नहीं सार्वजनिक करते. कई ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है. विपक्ष भी इसे अपने तरीके से भुनाने की कोशिश कर रहा है. राज्य की सुरक्षा पर असर की चर्चा तेज हो चली है.

रंधावा की तीखी चुनौती और मान की प्रतिक्रिया

रंधावा ने कहा कि अगर मीत हेयर में हिम्मत है तो FIR दर्ज कराकर दिखाएं. उन्होंने कहा कि मां के दूध का दाग न साफ किया जाएगा, बल्कि तथ्य देखे जाएंगे. गैंगस्टर मामले मेरे खिलाफ अदालत में गए थे और तब दिल्ली शिफ्ट हुए थे. ताजा घटनाक्रमों के बारे में वह खुद ही सवाल उठाते हैं. रंधावा ने कहा डीजीपी पर एडहॉक न रखने दिया जाए; उन्होंने इसे नुकसान बताया. उन्होंने कहा कि मैं अदालत के बारे में भी बताए गए तथ्य दोबारा पढ़वा दूंगा. इस बीच मान ने कहा था कि रंधावा गैंगस्टरों की सूची दे दें, ताकि नाम सामने आ जाएँ. रंधावा ने पलटवार किया और कहा कि वे सूची खुद साझा कर चुके थे. यह बहस अभी खत्म नहीं होगी; सवाल-जवाब बढ़े हैं. पंजाब की सुरक्षा पर भी असर दिखने लगा है. राजनीतिक-हलचल तेज है और बयानबाजी भी तेजतर्रार है. लोग सच और तथ्यों की गहराई से जाँच चाहते हैं. प्रशासनिक कदमों पर भी नजर रखना जरूरी है. यह बहस पूर्व-दृष्टि के बिना भी बराबर आगे बढ़ती दिख रही है.

निष्कर्ष: मीडिया कवरेज और जनता की प्रतिक्रिया

यह बहस पंजाब की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की दिशा तय करेगी. विपक्ष-समर्थन के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो चुके हैं. उपचुनाव के नतीजे इस मसले के राजनीतिक लाभ-हानि तय करेंगे. जनता सच समझना चाहती है और साफ जवाब चाहती है. राजनीतिक दलों के बयानबाजी से मतदाता भटक सकता है. विश्लेषण और सत्यापन अभी ज़रूरी है. अधिक संदर्भ के लिए देखें BBC हिन्दी और NDTV पंजाब समाचार. यह कवरेज आगे भी जारी रहेगा. आप ताजा अपडेट्स पाने के लिए हमारे साथ बने रहें.

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