जालंधर। जिले में नशीली और प्रतिबंधित साइकोट्रॉपिक दवाओं की अवैध बिक्री के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग की संयुक्त कार्रवाई में एक दवा व्यापारी को 3.75 करोड़ रुपये की गड़बड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि व्यापारी लंबे समय से बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं की अवैध सप्लाई कर रहा था।
कैसे सामने आया 3.75 करोड़ का फर्जीवाड़ा
जांच एजेंसियों ने व्यापारी की स्टॉक रजिस्टर, बिलिंग रिकॉर्ड, खरीद-बिक्री दस्तावेज़ और सप्लाई चेन की जांच की। इस दौरान खुलासा हुआ कि बेची गई दवाओं की मात्रा रिकॉर्ड से मेल नहीं खाती, कई इनवॉयस फर्जी अधूरे और बड़ी संख्या में साइकोट्रॉपिक टेबलेट्स व इंजेक्शन बिना किसी वैध दस्तावेज के सप्लाई किए गए थे। कुल मिलाकर लगभग ₹3.75 करोड़ की दवाओं का हिसाब नहीं मिला जिसे अवैध बाजार में बेचने का संदेह है।
किन दवाओं की अवैध सप्लाई होती थी
सूत्रों के अनुसार, व्यापारी निम्न प्रतिबंधित दवाएं अवैध चैनलों को सप्लाई करता था ट्रामाडोल,अल्प्राज़ोलम,नींद की उच्च क्षमता वाली गोलियां इंजेक्शन आधारित साइकोट्रॉपिक ड्रग्स ये दवाएं आमतौर पर नशेड़ियों और अवैध मॉड्यूलों को काले बाजार में बेची जाती थीं।
पुलिस ने क्या कहा
जालंधर पुलिस ने बताया कि व्यापारी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उसके नेटवर्क की जांच की जा रही है। एक अधिकारी ने कहा यह संगठित अवैध दवा तस्करी का मामला है। रिकॉर्ड और मोबाइल डेटा की जांच जारी है। जल्द और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
कई मेडिकल स्टोर्स पर भी गिर सकती है गाज
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ मेडिकल स्टोर्स ने उससे बिना प्रिस्क्रिप्शन के बड़ी मात्रा में साइकोट्रॉपिक दवाएं खरीदीं। इस कड़ी में ड्रग कंट्रोल विभाग ने कई दुकानों को नोटिस जारी किए हैं।
अवैध दवा तस्करी का बढ़ता नेटवर्क
हाल के महीनों में पंजाब के कई जिलों में साइकोट्रॉपिक दवाओं की अवैध सप्लाई बढ़ने की शिकायतें मिली हैं। पुलिस का मानना है कि यह गिरफ्तारी बड़े नेटवर्क की शुरुआत भर है।
External resources:
ED Official Website |
NDPS Act – Government of India
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