मतदान से पूर्व दाखा गांव में वोट खरीद-फरोख्त के आरोप
पंजाब के लुधियाना जिले के मुल्लांपुर दाखा गांव में मतदान से पूर्व की रात एक अहम घटना सामने आई। आरोप था कि यहां वोटों की खरीद-फरोख्त की कोशिशें दबे-छुपे चल रही थीं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार का बेटा मौके पर पहुंचा, तो वहां मौजूद लोगों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। घटना के कारण क्षेत्र में दहशत फैल गई और मौके पर भीड़ जुट गई। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है। घटना से चुनाव-प्रचार के माहौल पर प्रश्न उठने लगे हैं।
वरिंदर सिंह ने स्पष्ट कहा कि उनकी माता कुलजीत कौर आम आदमी पार्टी की ब्लॉक समिति उम्मीदवार हैं। सूचना मिलते ही वे माता रानी चौक के पास जाकर मामले की पुष्टि करना चाहते थे। तभी पूर्व सरपंच जतिंदर सिंह वहां खड़ा मिला, जिसके साथियों के आने की संभावना बताई गई। वरिंदर ने जतिंदर से हाथ मिलाने की कोशिश की, लेकिन उसने अपने साथियों को बुला लिया। इनके साथी थे जसकरन सिंह, अर्श और भवन। इनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने तेजधार हथियार से हमला कर दिया और वरिंदर को पीटा।
घटना के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और वरिंदर सिंह की शिकायत पर चार लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया। एक आरोपी जसकरन सिंह को गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य तीन की तलाश जारी है। ASI इंद्रजीत सिंह ने कहा कि गांव दाखा निवासी वरिंदर सिंह की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज हुआ। यह घटना पंजाब में vote buying के आरोपों पर चर्चा बढ़ाती है और Ludhiana शहर की खबर बन गई है। जाँच की दिशा वोट खरीद-फरोख्त के नेटवर्क तक बढ़ाने की है ताकि सच सामने आ सके। घटना से जुड़े सभी पहलुओं की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि किसी प्रकार की दबाव की शिकायतों पर रोक लग सके।
यह मामला चुनाव-पूर्व सुरक्षा पर चर्चा को तेज करता है। प्रशासन ने सुरक्षा उपाय मजबूत करने के संकेत दिए हैं और मतदान की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए कदम उठाने को कहा है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले और वोटिंग प्रक्रिया सुरक्षित रहे। पुलिस और प्रशासन मिलकर अगली रणनीति बनाते हैं ताकि मतदान के दौरान घटनाएं न हों। ताजा अपडेट के लिए नीचे दिए स्रोत देखें: Punjab Police।
ताजा कवरेज के लिए आप Tribune India देखें: Tribune India। अतिरिक्त जानकारी के लिए आप इन स्रोतों पर भी नजर बनाए रखें ताकि_vote buying_ और पूर्व-चुनावी हिंसा से जुड़े मुद्दे स्पष्ट हो सकें।
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