वाराणसी में आयोजित भव्य शपथ-ग्रहण समारोह में सोमवार को 353 अग्निवीरों ने राष्ट्र सेवा की शपथ लेकर भारतीय सेना का हिस्सा बनते हुए एक नई यात्रा की शुरुआत की। ‘अग्निपथ योजना’ के तहत प्रशिक्षित इन युवा सैनिकों ने पूरे उत्साह, अनुशासन और देशभक्ति के साथ शपथ दोहराई।
समारोह में दिखा जोश, सैन्य परंपरा का पालन
वाराणसी के समारोह स्थल पर सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में पूरा कार्यक्रम सैन्य परंपराओं के अनुरूप सम्पन्न हुआ।
शपथ ग्रहण के दौरान युवा सैनिकों की कदमताल, मार्च-पास्ट और सैन्य अनुशासन ने माहौल को देशभक्ति से भर दिया।
इस अवसर पर अधिकारियों ने अग्निवीरों को राष्ट्र सेवा, कर्तव्य, अनुशासन और ईमानदारी के मूल सिद्धांतों का पालन करने की शपथ दिलाई।
अधिकारियों ने दी शुभकामनाएं
सेना अधिकारियों ने कहा कि अग्निवीर आधुनिक भारतीय सेना का नया चेहरा हैं। एक अधिकारी ने कहा अग्निवीर आज के युवा भारत की ऊर्जा, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक हैं। हमें गर्व है कि 353 युवा आज भारतीय सेना की शपथ लेकर देश सेवा की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। अधिकारियों ने परिवारों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने अपने बेटों को देश के लिए तैयार किया।
अग्निवीरों ने दिखाई उत्सुकता और समर्पण
शपथ लेने के बाद अग्निवीरों के चेहरों पर गर्व और उत्साह साफ दिखा। कई अग्निवीरों ने कहा कि उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिलना उनके जीवन का सबसे बड़ा गर्व का क्षण है। एक नव-नियुक्त अग्निवीर ने कहा यह सिर्फ नौकरी नहीं, बल्कि एक सम्मान है। मैं अपने देश की रक्षा के लिए हर चुनौती के लिए तैयार हूँ।
क्या है अग्निपथ योजना?
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केंद्र सरकार ने 2022 में ‘अग्निपथ योजना’ लागू की थी।
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इसके तहत युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है।
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प्रदर्शन के आधार पर 25% अग्निवीरों को स्थायी सेवा में शामिल किया जाता है।
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योजना का उद्देश्य सेना को अधिक युवा, डायनेमिक और टेक-स्मार्ट बनाना है।
स्थानीय लोगों में भी दिखा उत्साह
शपथ ग्रहण कार्यक्रम देखने आए स्थानीय लोग भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने को उत्साहित दिखे।
कई अभिभावक अपनी आँखों में गर्व के आँसू लिए अपने बेटों को भारतीय सेना की वर्दी में देखकर भावुक हुए।
निष्कर्ष
वाराणसी में 353 अग्निवीरों का शपथ ग्रहण समारोह न केवल इन युवाओं के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण रहा। आधुनिक भारतीय सेना में उनका यह कदम देश की सुरक्षा और सैन्य शक्ति को और मजबूत करेगा।