लोकसभा सेशन से पहले हाईकोर्ट में पैरोल पर बहस
पंजाब के खडूड साहिब सांसद अमृतपाल सिंह ने लोकसभा सेशन में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी है। आज 11 दिसंबर को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में सुनवाई चल रही है। सरकार ने इस मामले पर करीब पांच हजार पन्नों का जवाब दाखिल किया है। दोनों पक्षों के वकील आज गम्भीर बहस कर रहे हैं। सेशन 19 दिसंबर को समाप्त होगा और छह कार्य दिवस शेष हैं। अमृतपाल के परिवार ने यह याचिका तीसरी बार दायर की है, जिसे अदालत में चुनौती दी जा रही है। उम्मीद है अदालत आज फैसला सुनाएगी ताकि सेशन की प्रक्रिया बाधित न हो। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व निर्देशानुसार यह मामला ट्रांसफर होकर हाईकोर्ट के पास आया था।
जवाब में तीन प्रमुख बिंदु बताए गए
जवाब में सरकार ने तीन बिंदु रखे। पहला, हरिनौ केस का चालान पंजाब और इंग्लिश अदालतों में पेश हुआ। यह करीब 3500 पन्नों का चालान है। चालान के साथ हिरासत के आधार को भी विस्तार से बताया गया। दूसरा, AKF और 15 व्यक्तियों का संदर्भ है। कनाडा में बनाई आनंदपुर खालसा फोर्स AKF का विवरण है। उन 15 व्यक्तियों का भी उल्लेख है जो जेल से डर बताते हैं। तीसरा, पुराने NSA के सभी आधार: उनके अनुसार बाकी बातें मुख्य NSA में हैं। इसलिए पंजाब सरकार पैरोल नहीं देना चाहती है। वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि अमृतपाल को सेशन के लिए दिल्ली जाना है, पंजाब आना संभव नहीं है। अमृतसर के DC-SSP ने कहा कानून व्यवस्था बिगड़ेगी। इसलिए जिला स्तर की रिपोर्ट पर फैसला लिया गया था। यदि पैरोल मिलती है, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
NSA धारा 15 और अदालत के निर्देश
याचिका में NSA की धारा 15 का हवाला दिया गया। यह धारा खास परिस्थितियों में बंदी को पैरोल देने का अधिकार देती है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के पास याचिका ट्रांसफर करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट को इस मामले की सुनवाई करने की अनुमति मिली है ताकि कानून व्यवस्था संतुलन बना रहे। अमृतपाल को दिल्ली जाना होगा, यह तर्क अदालत में उठ सकता है। अदालत देखेगी कि NSA के दायरे में पैरोल उचित है या नहीं।
आगे क्या संभावित है और कवरेज
आज की सुनवाई के परिणाम पर नज़र रहेगी। सेशन 19 दिसंबर तक चलेगा और निर्णय जल्दी आ सकता है। अगर अदालत पैरोल मंजूर करती है, तो अमृतपाल को दिल्ली जाना होगा। सरकार का तर्क है कि इससे कानून-व्यवस्था तनाव बढ़ेगा।
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