हाईकोर्ट में अमृतपाल की पैरोल याचिका पर सुनवाई—जल्द फैसले की मांग

असम की डिब्रूगढ़ जेल में National Security Act (NSA) के तहत हिरासत में बंद लोकसभा सांसद अमृतपाल सिंह ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र (1 से 19 दिसंबर) में भाग लेने के लिए अंतरिम बेल की मांग की है और उसी के साथ पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका NSA की धारा 15 का हवाला देती है, जिसमें विशेष परिस्थितियों में नजरबंद व्यक्ति को पैरोल देने का अधिकार है. उनके पक्ष के अनुसार यहapel अदालत से उत्तर समय पर निर्णय लेने की मांग है, ताकि सांसद की व्यक्तिगत उपस्थिति से संसद के कार्यवाही प्रभावित न हो। याचिका उनके वकील ईमान सिंह खारा के जरिए दायर की गई है, जिन्होंने अदालत में पैरोल और संसद में भागीदारी के अधिकार की समीक्षा की मांग की है. NSA के दायरे में प्रस्तुत यह याचिका सार्वजनिक सुरक्षा, कानून और संवैधानिक दायित्व के बीच संतुलन को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है.

याचिका में कहा गया है कि अप्रैल 2023 से प्रिवेंटिव डिटेंशन के तहत हिरासत में रहने के बावजूद अमृतपाल सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में खडूर साहिब सीट से लगभग चार लाख वोटों के साथ जीत दर्ज की और वे अभी भी करीब 19 लाख मतदाताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस आधार पर वे केंद्र और राज्य सरकार से निर्देश जारी करने की मांग कर रहे हैं कि उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाए या कम से कम संसद सत्र के दौरान उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. खास बात यह है कि यह तीसरी बार डिटेंशन का हवाला देकर उनकी रिहाई या सांसदीय भागीदारी के लिए राहत की मांग की जा रही है, क्योंकि 17 अप्रैल 2024 को उनके खिलाफ तीसरा डिटेंशन ऑर्डर जारी किया गया था. इसके बाद केंद्रीय जेल डिब्रूगढ़ में सलाहकार बोर्ड ने उनके निरंतर डिटेंशन के पक्ष में पाया और 24 जून को इसे तीसरी बार बढ़ा दिया गया. याचिका में यह भी उल्लेख है कि 13 नवंबर को पैरोल हेतु आवेदन भेजा गया था, पर अभी तक स्पष्ट निर्णय नहीं आया है.

अमृतपाल सिंह ने तर्क दिया है कि संसद की कार्यवाही में भाग लेना उनका संवैधानिक कर्तव्य है, और इसीलिए अदालत से той समयबद्ध निर्णय लेने की मांग है. वे यह भी कहते हैं कि विशेष परिस्थितियां है जो उनकी रिहाई या कम से कम व्यक्तिगत उपस्थिति को सक्षम बनाती हैं. अदालत से राहत प्राप्त करने के लिए याचिका में सभी जरूरी तर्क और कानूनी दलीलों को समाहित किया गया है ताकि NSA की धारा 15 के अंतर्गत असामान्य परिस्थितियों में पैरोल को स्वीकार किया जा सके. इस मामले की सुनवाई के परिणाम से न सिर्फ अमृतपाल सिंह का व्यक्तिगत मामला बल्कि NSA के अंतर्गत गिरफ्तारी, डिटेंशन और पैरोल के प्रावधानों की व्याख्या भी प्रभावित हो सकती है. अधिक जानकारी के लिए आप लोकसभा सचिवालय की आधिकारिक साइट देख सकते हैं: Lok Sabha Secretariat.

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