अमृतसर में दिनदहाड़े फायरिंग: जेल आरोपी अनवीर के परिजन बाल-बाल बचे

पंजाब के अमृतसर के मजीठा रोड पर दिनदहाड़े एक कार पर गोलीबारी की घटना ने जिले में हलचल पैदा कर दी है। घटनाक्रम के अनुसार, मोड़ पर दो गाड़ियों के टकराव के बाद शुरुआती बहस शांत हो गई, लेकिन कुछ समय बाद आरोपी ने गाड़ी का पीछा कर लिया और पास आकर अंधाधुंध गोली चला दी। इस फायरिंग में पूर्व अकाली नेता के बेटे जोएल मसीह सुरक्षित बचे, जबकि उनकी कार को गोली लग गई। गोलीबारी के बाद हथियार लहराते हुए आरोपी मौके से फरार हो गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की गहन छानबीन शुरू हो गई। पुलिस ने शुरुआती चरण में कहा है कि पीड़ित जोएल मसीह पूर्व अकाली नेता अनवर मसीह के पुत्र हैं, जो 2020 में सामने आए 193 किलो ड्रग्स मामले में गुजरात जेल में 12 अन्य आरोपियों के साथ बंद थे। यह घटना अब पुलिस के कई एंगल से जाँच के दायरे में है और पीड़ित ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।

193 किलो ड्रग्स मामले की पृष्ठभूमि काफी गूढ़ है। 30 जनवरी 2020 को स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के DSP वरिंदर महाजन ने अकाली नेता अनवर मसीह की आकाश एवेन्यू स्थित कोठी पर रेड मारी थी, जिसमें हेरोइन, केमिकल के ड्रम सहित एक बड़े नशे की फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ था। जांच से यह स्पष्ट होता है कि हेरोइन पाकिस्तान के कराची से समुद्री मार्ग से गुजरात बॉर्डर तक लाई गई थी, फिर सड़क मार्ग से अमृतसर पहुंची। तस्करों ने नशे की शुद्धता बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान से अरमान नामक व्यक्ति को भी बुलाया था ताकि प्रक्रिया पूरी की जा सके। इस पूरे मामले में NIA ने भी तफ्तीश संभाली और अंततः सभी 12 आरोपियों को गुजरात जेल में शिफ्ट किया गया।

अब इन आरोपियों की अद्यतन स्थिति और कानूनी प्रक्रिया के क्रम में कहा गया कि 25 दिसंबर को इन सभी आरोपियों की फिर से अमृतसर पेशी होनी है, जिसे लेकर स्थानीय व राष्ट्रीय मीडिया में चर्चा है। NIA की प्रारम्भिक से लेकर हालिया जांच तक इस केस की संयुक्त भूमिका सामने आई है, जबकि प्रमुख मीडिया कवरेज के अनुसार मामलों की निरंतर करवाई जारी है। (अधिक जानकारी के लिए देखें Tribune India.)

इस बीच शिरोमणि अकाली दल के নেতाओं से जुड़ी यह कहानी, जिनमें अनवर मसीह के ऊपर आरोपों का दौर चल रहा था, भी सामने आई है। तकरीबन दो साल पहले बेल पर रहते हुए अनवर मसीह ने जहर खाने की कोशिश की थी, जिसे के बाद उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन और पुलिस पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। इस घटना के बाद उनकी जमानत रद्द करने की demand की गई और अंततः उन्हें कोर्ट में सरेंडर कर गिरफ्तार किया गया। तब से वे जेल में हैं, और इस दौरान मामले की राजनीतिक-नैतिक तस्वीरें भी चर्चा का केंद्र बनी रहीं।

जोएल मसीह ने अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और अमृतसर पुलिस इस मामले की विभिन्न कोणों से छानबीन कर रही है। 193 किलो ड्रग्स केस के 12 आरोपियों को गुजरात जेल में रखा गया था और अब 25 दिसंबर को अमृतसर पेशी के लिए फिर से तलब किया जा सकता है, जिसके बारे में स्थानीय स्तर पर पुलिस स्रोतों ने जानकारी दी है। यह घटना पंजाब में कानून-व्यवस्था और राजनीतिक दबाव के बीच सुरक्षा के मुद्दों को फिर से केंद्र में लाती है, और आम जनता के बीच सही सूचना और त्वरित कार्रवाई की मांग बढ़ाती है।

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