अमृतसर के दो मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर चयनित—जानें कैसे मिली सफलता

पंजाब के सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा और वैज्ञानिक माहौल को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के निरंतर प्रयास रंग ला रहे हैं। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने नवाचार को प्रोत्साहित करने, प्रयोगात्मक सीख बढ़ाने और विज्ञान-आधारित पाठ्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, ताकि बच्चों में सृजनात्मक सोच और शोध-उन्मुख मानसिकता पनपे। इस क्रम में 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी में पंजाब के विद्यार्थियों की भागीदारी और अमृतसर जिले के दो मॉडलों का चयन इस दिशा में एक बड़ा संकेत हैं, जो दिखाते हैं कि सरकारी स्कूलों में सीखने की शैली में संवेदनशील बदलाव आ रहे हैं और छात्र-शिक्षक टीमों का उत्साह बना है।

18 से 23 नवंबर तक भोपाल स्थित रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन में NCERT द्वारा आयोजित 52वीं राष्ट्रीय बाल वैज्ञानिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। देशभर से कुल 240 मॉडल इस प्रदर्शनी में प्रस्तुत हुए, जिनमें पंजाब के 13 मॉडल चुने गए और इनमें अमृतसर के दो मॉडल भी चयनित रहे। यह चयन पंजाब के सरकारी स्कूलों में विज्ञान-आधारित परियोजनाओं की संस्कृति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है। साथ ही यह भी दिखता है कि राष्ट्रीय मंच पर पंजाब के नवाचारों को मान्यता मिल रही है, जैसा कि National Children’s Science Exhibition के संदर्भ में भी होता है।

इन चयनित मॉडलों में अमृतसर के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कोहाली के अभिमन्यु सिंह, हरमनप्रीत सिंह और भूपिंदर सिंह ने पानी बचाने के उपायों पर आधारित एक मॉडल और सेना-आधारित थीम पर आधारित दूसरा मॉडल प्रस्तुत किया। इन्हें मार्गदर्शक शिक्षक शिक्षा शर्मा और कंप्यूटर फैकल्टी तरविंदर सिंह ने प्रेरित किया और मार्गदर्शन दिया। यह उल्लेखनीय है कि ये दोनों मॉडल पहले राज्य स्तरीय प्रदर्शनी में भी सर्वश्रेष्ठ घोषित हो चुके थे, जो यह संकेत देता है कि सरकारी स्कूलों में विज्ञान-आधारित शिक्षा के साथ-साथ प्रस्तुतिकरण कौशल भी बेहतर हो रहे हैं।

जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) अमृतसर राजेश कुमार शर्मा के अनुसार, इस उपलब्धि से जिला शिक्षा विभाग में प्रेरणा का नया दौर शुरू हुआ है और बच्चों के साथ शिक्षक-परिवारों के बीच विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ी है। उन्होंने चयनित विद्यार्थियों, उनके मार्गदर्शकों और स्कूल स्टाफ को बधाई दी और कहा कि ऐसी सफलताओं से Punjab के सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा, तकनीकी दक्षता और शोध-आधारित सीखने की दिशा मजबूत होगी। विभाग भविष्य में इन मॉडलों को scale करने, तकनीकी संसाधन प्रदान करने और अधिक विद्यार्थियों तक पहुँच बनाने के लिए योजनाबद्ध कदम उठाएगा ताकि पंजाब के गांव-शहर हर क्षेत्र के बच्चे आधुनिक शिक्षा के फायदे उठा सकें।

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