जोधपुर, 22 नवम्बर । राजस्थान हाईकोर्ट ने ऑनलाइन ठगी के मामले में आरोपित की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपित की फर्म से करोड़ों रुपये का संदिग्ध ट्रांजैक्शन किया गया था।
दरअसल पुलिस थाना सदर श्रीगंगानगर के एक श्रीगंगानगर सदर में दर्ज प्रकरण में आरोपित कृष्ण शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार करने के बाद कृष्ण शर्मा की ओर से राजस्थान उच्च न्यायालय में एक जमानत आवेदन का प्रार्थना पत्र पेश किया गया।
न्यायालय द्वारा सुनवाई के दौरान आरोपित की फर्म करणी ट्रेडिंग के बैंक खाते से यूपीआई-एनईएफडी के माध्यम से 99,65,47,938 रुपयों का लेन-देन संदिग्ध माना जिसमें कुछ प्रकरण साइबर क्राइम का भी होना पाया गया। परिवादी की ओर से अधिवक्ता शिवसिंह बडगुर्जर की ओर से जमानत याचिका का घोर विरोध करते हुए कहा कि आरोपित अन्य लोगों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह बनाकर आम लोगों के साथ ठगी की है, जो राजस्थान व राजस्थान के बाहर विजयपुर, कर्नाटक के रहने वाले है। उक्त बिन्दुओं को राजस्था न्यायालय के न्यायाधीश योगेन्द्र कुमार पुरोहित की एकलपीठ द्वारा आरोपित कृष्ण पर लगे गंभीर आरोप जिसमें से प्रमुख आम लोगों से ठगी किये जाने के व साइबर क्राइम की गंभीरता को देखते हुए कृष्णा की जमानत याचिका खारिज की गई।
यह है मामला
आरोपित कालिया व हाल रिद्धि-सिद्धि सेकंड निवासी निवासी लाजपत नायक उसके बेटे दीपक नायक, अजय नायक, चुनावद व हाल वास्तुदेवनगर पानी वाली टंकी के पास निवासी सौरभ चावला उसकी पत्नी सलोनी चावला, राजेंद्र सिंह, तीन वाई निवासी कर्मजीत सिंह व पंजाब के वरियामखेड़ा निवासी डॉक्टर बलजीत सिंह पर कंपनी का गठन करके दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने का मुकदमा सदर थाने में दर्ज हुआ। इसमें कर्नाटक के इंगलानी के विजयपुरा निवासी कट्टपा चौहान तथा उसके साथ के करीब 10-12 अन्य पीडि़तों की ओर से थाने में परिवाद दिया गया था। आरोपित कृष्ण की फर्म के जरिए भी बड़े अमाउंट का ट्रांजैक्शन किया था।