हरियाणा के पंचकूला में पंजाब के पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा के खिलाफ FIR करवाने वाले शमशुद्दीन चौधरी की मुश्किलें अब और बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। शिकायतकर्ता अनवर महबूब ने DIG हरचरण भुल्लर के साथ उनकी कथित करादारी को साक्षी बनाते हुए सीबीआई को एक शिकायत सौंपी है। आरोप है कि शमशुद्दीन चौधरी IPS भुल्लर के लिए दलाली करता था और भुल्लर के घर तक कबाब भी पहुंचाने का काम उसी की निगरानी में किया गया। अहवाल का आधार 2011 से 2013 के समय खापी गई स्थिति बताता है कि संगरूर में 당시 SSP रहे हरचरण भुल्लर के कार्यकाल के दौरान चौधरी ने उनसे जुड़ी दलाली की कथित गतिविधियों में भागीदारी की थी। साथ ही मलेरकोटला हाउस नामक फेसबुक पेज पर उनसे जुड़ी जानकारियाँ पोस्ट करने का आरोप भी शामिल है, जिससे मुस्तफा परिवार से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान होता रहा है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि अगर सीबीआई चौधरी के खातों की गहन जांच करे तो सारा सच सामने आ जाएगा। आरोप है कि शमशुद्दीन चौधरी के पास बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति है और उसकी कई कंपनियाँ अन्य नामों पर चल रही हैं। इस बीच 6 मिनट के एक ऑडियो की चर्चा भी हो रही है जिसमें एक पुरुष किसी युवती से विवाह को लेकर संवाद कर रहा है—यह घटना कानून-व्यवस्था के दायरे में एक नए आयाम के तौर पर जुड़ गई है। ऑडियो में एक युवती से बढ़ती दूरी, आयु-फर्क और विवाह के दबाव जैसे बिंदु उठते हैं, जो इस मामले के बहुप्रतिष्ठित आरोप-प्रत्यारोप के साथ संयोजन में देखे जा रहे हैं।
27 अगस्त 2025 को मोहम्मद मुस्तफा के पुत्र अकील अख्तर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें दावा किया गया था कि उनके परिवार की ओर से उन्हें मारने या फर्जी मामलों में फंसाने की साजिश रची जा रही है। 16 अक्टूबर को पंचकूला में उनकी मौत हो गई, और इसी वीडियो के आधार पर मलेरकोटला के शमशुद्दीन चौधरी ने पूर्व DGP के परिवार के खिलाफ मर्डर की FIR दर्ज करवाई। 23 अक्टूबर को हरियाणा सरकार ने केंद्र से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का आग्रह किया, और वर्तमान में सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
शमशुद्दीन चौधरी ने मलेरकोटला पुलिस से अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की माँग की है, क्योंकि यदि उनके अनुसार नुकसान होता है तो उसकी जिम्मेदारी पूर्व DGP मोहम्मद मुस्तफा और उनके परिवार पर होगी। पुलिस इस सुरक्षा-जरूरत की सत्यता की जाँच कर रही है। सीबीआई ने अब तक अकील अख्तर डेथ केस के बयान दर्ज कर लिए हैं और पूर्व DGP के नौकरों तथा सुरक्षा कर्मियों के बयानों के रिकॉर्ड करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है, इसके लिए नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं, हालांकि अभी Mustafa family को इस जांच में शामिल नहीं किया गया है।
सीबीआई की कारवाई के आलोक में चौधरी के 4 मुख्य बिंदुओं पर दिए गए जवाबों का भी उल्लेख किया गया है, ताकि तथ्यात्मक स्थिति साफ हो सके। इस पूरी घटनाक्रम के साथ पंचकूला-हरियाणा और पंजाब के पत्राचारों पर निगरानी बढ़ गई है, और आगे की कार्रवाई के लिए स्थानीय प्रशासन, पंजाब पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी के बीच समन्वय बनाए रखना अहम माना जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए देखें: CBI की आधिकारिक वेबसाइट और पब्लिक न्यूज कवरेज.