सीबीआई चार्जशीट और गिरफ्तारी की विस्तृत प्रक्रिया
CBI ने पंजाब पुलिस के DIG हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट के अनुसार रिश्वत के मामले में करप्शन एक्ट की धाराओं के तहत आरोप तय हुए हैं। बिचौलिए कृष्णु शारदा को भी आरोपी बनाया गया है। रिश्वत राशि पांच लाख रुपए बताई गई है। मोहाली स्थित CBI कार्यालय से DIG की गिरफ्तारी दर्ज है। 16 अक्टूबर को DIG को गिरफ्तार किया गया था। यहां से दबिश में सात करोड़ 50 लाख रुपये, घड़ियाँ, शराब और कारों की चाबियाँ मिलीं। सीबीआई ने इस चार्जशीट की पुष्टि अपने CBI Official Website पर भी की है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि मामले की चालान दर्ज होने के बाद जांच एजेंसी आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। अधिकारियों के अनुसार यह चार्जशीट पीड़ित पक्ष के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है।
हाई कोर्ट में गिरफ्तारी पर चुनौती
D I G भुल्लर ने गिरफ्तारी को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। DSPE Act के धारा 5 और 51 के रिकॉर्ड माँगे गए। यह रिकॉर्ड देखा जाएगा कि क्या सीबीआई को वैध अधिकार मिला था। केंद्र ने अभी जवाब नहीं दिया है। चार्जशीट के बावजूद रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। अगली सुनवाई में रिकॉर्ड आना तय है। यह फैसला मामले की दिशा तय करेगा। Punjab & Haryana High Court के रिकॉर्ड देखने से स्थिति साफ होगी। केंद्र के जवाब के राजनीतिक प्रभाव भी चर्चा का विषय बन रहे हैं।
विजिलेंस, ED और जेल की स्थिति
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने भुल्लर पर आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने अभी तक आरोपी का रिमांड नहीं लिया है। वह बुड़ैल जेल में बंद हैं। उन्होंने Chandigarh अदालत में याचिका दायर कर गद्दे की मांग की थी। जेल प्रशासन ने अदालत के आदेशों के अनुसार कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उनके बैंक खाते अटैच किए गए हैं। ED ने दस्तावेज जुटाकर रिकॉर्ड संकलन शुरू कर दिया है (Enforcement Directorate Official). आगामी दिनों में ED भी कार्रवाई कर सकती है। जेल से जुड़ी शिकायतों पर भी तंत्र ने संज्ञान लिया है।
भविष्य की राह और प्रभाव
यह मामला पंजाब पुलिस के विरुद्ध बड़े स्तर की जाँच को दर्शाता है। चार्जशीट से तंत्र की जवाबदेही की दिशा स्पष्ट होगी। आने वाले दिनों में ED भी इस केस में एक्शन ले सकता है। सरकारी एजेंसियाँ भ्रष्टाचार रोकथाम के लिए मजबूत कदम उठा रही हैं। राज्य सरकार ने पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर दिया है। न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने पर परिणाम अहम होंगे। कई हितधारकों की निगाहें इस मामले पर हैं। सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रियाओं से राजधानी के प्रशासनिक सुधारों की दिशा तय होगी।
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