चंडीगढ़: चंडीगढ़ प्रशासन ने स्कूलों में शिक्षकों की प्राथमिक जिम्मेदारी केवल पढ़ाई करवाना तय कर दी है। अब शिक्षक गैर-शैक्षणिक गतिविधियों या अफसरों से मिलने जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।
आदेश और उद्देश्य
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि स्कूलों में शिक्षकों का ध्यान सिर्फ अकादमिक गतिविधियों और विद्यार्थियों की पढ़ाई पर केंद्रित रहेगा।
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अफसरों से मिलने की रोक: अब शिक्षक केवल आवश्यकता होने पर ही प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करेंगे, और गैर-जरूरी मुलाकातें बंद रहेंगी।
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फोकस अकादमिक: शिक्षक अब पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और विद्यार्थियों की समझ पर ज्यादा ध्यान देंगे।
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संपर्क और निगरानी: शिक्षा अधिकारियों ने स्कूलों में नियमित निरीक्षण की योजना बनाई है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्देशों का पालन हो रहा है।
शिक्षक और छात्रों के लिए लाभ
इस बदलाव से शिक्षक पढ़ाई पर पूरा ध्यान देंगे, जिससे बच्चों की अकादमिक प्रगति बेहतर होगी। छात्रों के लिए भी कक्षा का समय पूरी तरह पढ़ाई में खर्च होगा, और गैर-शैक्षणिक व्यवधान कम होंगे।
प्रशासन का संदेश
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया हम चाहते हैं कि शिक्षक अपने असली कार्य, यानी पढ़ाई, पर फोकस करें। इससे बच्चों की गुणवत्ता बढ़ेगी और शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।
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