आज लुधियाना: CM मान करतार सिंह को श्रद्धांजलि, सुरक्षा सख्त

लुधियाना के इतिहासिक सराभा गांव में महान क्रांतिकारी करतार सिंह सराभा के शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में आज राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर शहीद सराभा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ-साथ उनके अदम्य साहस और देशभक्ति को युवाओं में प्रेरणा के रूप में مطرح किया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान मंच पर होंगे और शहीद के बलिदान को याद करते हुए लोगों के साथ कृतज्ञता व्यक्त करेंगे। यह आयोजन न सिर्फ एक श्रद्धांजलि है, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के उस दौर के बहादुर युवाओं के योगदान को भी उजागर करने की एक कोशिश है।

समारोह के सुरक्षा और व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारी पूरी कर ली है। जिला उपायुक्त हिमांशु जैन के निर्देशानुसार गांव सराभा को सुरक्षा के लिहाज़ से पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि आने वाले सभी लोगों की चेकिंग और पहुंच सुविधाएं व्यवस्थित रहें। एसडीएम समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शनिवार देर शाम स्थल का निरीक्षण कर सुरक्षा-व्यवस्था का जायजा लिया और कार्यक्रम स्थल के अंदर और बाहर सभी जरूरी जानकारी जुटाई गई। सुरक्षा योजना में मेहमानों की संख्या, मंच पर बैठने के नामों की सूची, लिंक्ड गेटों की व्यवस्था और जोखिम आकलन शामिल हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके। साथ ही पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को पार्किंग के लिए अलग से स्थान चिन्हित करने के साथ मार्गदर्शक संकेतों की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

मुख्यालय से लेकर गांव की सीमा तक हर जगह सुरक्षा बलों की चहलकदमी रहेगी और समारोह के दौरान चप्पे-चप्पे पर तैनाती होगी। डीसी ने स्पष्ट किया है कि यह सुरक्षा संचालनों का कड़ा रूटीन होगा, ताकि दायरे के भीतर आने वाले हर व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित हो सके और कार्यक्रम के समय किसी प्रकार की अवांछित स्थिति न बने। हालिया निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम स्थल के आस-पास यातायात को सुगम बनाना और अटैचमेंट/पार्किंग नीति का बेहतर प्रबंधन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री मान की उपस्थिति को देखते हुए पूरे क्षेत्र में एक सर्वाधिक प्रभावी सुरक्षा चक्र रखा जाएगा।

शाहद करतार सिंह सराभा से जुड़ी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मद्देनजर यह समारोह एक अहम संदेश भी देता है कि युवा पीढ़ी स्वतंत्रता के संघर्ष के महान आदर्शों से कैसे प्रेरित हो सकती है। सराभा का जन्म 1896 में सराभा गांव के आसपास हुआ था और वे भगत सिंह-गदर movement के उत्कृष्ट पक्षकारों में से एक थे; 1915 में लाहौर जेल में फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद उनका वीरगथि-स्वरूप स्मरण किया जाता है। राज्य सरकार का यह आयोजन सराभा के बलिदान को पुनः स्मরণ करते हुए समाज में जिज्ञासा और patriotism को बढ़ावा देने की कोशिश है. इसके साथ ही यह प्रदर्शन शहीदी दिवस के अवसर पर राष्ट्र-निर्माण की दिशा में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा। अधिक जानकारी के लिए देखें: Kartar Singh Sarabha – विकिपीडिया.

इस कार्यक्रम की प्रासंगिकताओं के साथ एक अन्य संदर्भ आप निम्न लिंक पर भी देख सकते हैं: The Tribune – पंजाब समाचार. आयोजन की यह वजह भी है कि राज्य स्तर के इस महत्वपूर्ण मनोरम कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के साथ-साथ व्यवस्था-व्यवस्था का भी उच्चस्तरीय मानक कायम रखा जाएगा, ताकि श्रद्धांजलि के पात्र हर व्यक्ति को कार्यक्रम का लाभ मिले और सराभा के सपनों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश जाए।

Related: पंजाब में रातों का पारा 1.6°C गिरा—फरीदकोट सबसे ठंडा