धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा दिल्ली से 07 नवम्बर से शुरू, वृंदावन में 16 नवम्बर को होगा समापन

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि बागेश्वर बालाजी सरकार की असीम अनुकम्पा, पूज्यपाद सन्यासी बाबा की कृपा एवं दादा गुरूजी महाराज की प्रेरणा से हम एक बार फिर भारत में व्याप्त जाति-पाति और ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने और समस्त सनातनियों में एकता स्थापित करने के संकल्प के साथ सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा पर निकल रहे हैं। इस बार की पदयात्रा केवल सनातनियों के बीच एकता ही नहीं स्थापित करेगी, बल्कि बालाजी के भक्तों और ब्रजवासियों का दिव्य मिलन भी कराएगी।

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की यह पदयात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत को जातिभेद से मुक्त करने और एक सशक्त, आत्मनिर्भर एवं विश्वगुरु राष्ट्र बनाने का सामूहिक संकल्प है। यह यात्रा भारत के लिए एक ऐतिहासिक घटना सिद्ध होगी। इसके माध्यम से समस्त विश्व में सनातन एकता और जागृति का संदेश जाएगा। यह यात्रा एक ओर सनातन के विरुद्ध षड्यंत्र रचने वालों को स्पष्ट संदेश देगी और दूसरी ओर सनातनी भाई-बहनों को सुरक्षा, एकजुटता और आत्मबल प्रदान करेगी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ये पदयात्रा दिल्ली के छतरपुर में स्थित कात्यायनी शक्ति पीठ मंदिर से 7 नवम्बर से शुरू होगी और 16 नवम्बर को वृंदावन के बांके बिहारी लाल के मंदिर में समाप्त होगी। इस यात्रा में कुल 10 पड़ाव होंगे।

पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कहना है कि अब समय आ गया है जब भारत का प्रत्येक सनातनी अपने दोनों भुजा उठाकर सिंह के समान गर्जना करे और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए आगे बढ़े। आपकी एकता ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएगी और यही सामूहिक शक्ति भारत को पुनः विश्वगुरु बनाएगी। पदयात्रा में सम्मिलित होने के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। इसकी जानकारी आपको बागेश्वर धाम के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से समय-समय पर मिलती रहेगी। आप सभी बालाजी भक्तों एवं सनातनी भाई-बहनों से आग्रह है कि बड़ी संख्या में सम्मिलित होकर इस ऐतिहासिक पदयात्रा को सफल बनाएं।