धरने पर बैठे किसान नेता पृथ्वी सिंह, बिजेंद्रपाल, बिशनपाल, विजेंद्रपाल और कैलाश सिंह ने कहा कि एनएचएआई द्वारा तय मुआवजा दर वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम है। प्रभावित किसानों के लिए 10 से 12 करोड़ रुपये प्रति एकड़ मुआवजा तय करने की मांग की गई है। किसानों का कहना है कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है और अधिग्रहण प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरत रही। उन्होंने बताया कि मुआवजा दर इतनी कम रखी गई है कि उससे उनका पुनर्वास या वैकल्पिक जमीन खरीदना संभव नहीं।
किसानों ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कार्यालय के बाहर भी धरना शुरू कर दिया है और कहा है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा। आंदोलनकारियों ने घोषणा की है कि 9 नवंबर को रहीमपुर गांव में महापंचायत बुलाई जाएगी, जिसमें जिलेभर के किसान हिस्सा लेंगे। इसी पंचायत में आगे की रणनीति और बड़े आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। किसानों ने साफ कहा है कि जब तक सरकार बाजार भाव पर मुआवजा नहीं देती, वे अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे।