गैंगरेप केस में बड़ी कार्रवाई—जांच लापरवाही पर दो इंस्पेक्टर और दो दारोगा निलंबित, पीड़िता ने डीआईजी को सुनाई आपबीती

यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता छह दिन पहले दाैरे पहुंचे डीआईजी कलानिधि नैथानी की कार के सामने जाकर गिर पड़ी और रोते हुए उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी। मामला खुर्जा काेतवाली का है। पीडिता ने उन्हें बताया कि जांच के नाम पर दराेगा ने न केवल बलात्कार किया बल्कि हजाराें रुपए रिश्वत भी ली। इनमें दराेगा इकराम अली का नाम सबसे ऊपर है। यही नहीं पीड़िता ने यह भी बताया था कि गैंगरेप के आरोपी खुले घूम रहे हैं, लेकिन पुलिस पकड़ नहीं रही है। पुलिस ने पीड़िता को डीआईजी तक न पहुंचने देने के लिए घेराबंदी की थी लेकिन इसके बावजूद पीड़िता आपबीती सुनाने के लिए पहुंचने में कामयाब हो गई थी। डीआईजी के सामने गैंगरेप का मामला आने के बाद पूरे प्रदेश में बुलंदशहर पुलिस की फजीहत हाे रही थी। यही नहीं इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए थे।

मामले की गंभीरता देखते हुए डीआईजी ने संबंधित अफसराें काे डांट लगाई और जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद एसएसपी ने मामले की जब अपने स्तर से जांच कराई तो पीड़िता के कई आराेप सत्य पाए गए और फिर कार्रवाई शुरू की गई है । एसएसपी ने इंस्पेक्टर दिग्विजय राठी, दरोगा इकराम अली और शुभम राठी को निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी इस मामले में खुर्जा कोतवाल पंकज राय को लाइन हाजिर किया गया था। इन्हें भी निलंबित किया गया है।

यह है मामला

पीड़िता का कहना है कि 3 जून को गांव के छह युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया था। यह बताया कि खुर्जा पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में सात दिन लगाए और मामला 10 जून को दर्ज हुआ। इनमें आठ आरोपियों में से चार की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि चार आरोपी अब भी फरार हैं। यही नहीं महिला काे नुमाइश दिखाने के बहाने अलीगढ़ ले जाकर रेप करने, बंधक बनाने और धर्म परिवर्तन कराने वाले आराेपी आशिक को भी दराेगा इकराम अली ने खूब संरक्षण दिया।