सरकार की कड़ी कार्रवाई: आरोपी को फांसी की मांग, लापरवाह पुलिसकर्मी बर्खास्त

जालंधर में एक दर्दनाक घटना ने शहर की शांति को हिला कर रख दिया है, जिसमें नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार के प्रयास के बाद उसकी हत्या की खबर सामने आई है. इस घटना ने पूरे समाज के दिलों में आक्रोश और सदमे की लहर दौड़ा दी है और लोग यह जानना चाहते हैं कि बच्चों की सुरक्षा अब कितनी जोखिम में है. शुरुआती जांच के अनुसार पीड़िता को बचाने के सभी प्रयास प्रभावी नहीं हो सके और घटनास्थल के आसपास के माहौल ने भी सुरक्षा की धारणा पर प्रश्नचिह्न लगा दिये. मोहल्ले के लोग भी इस कड़ी की गवाह बनकर सामने आए, जबकि पुलिस की शुरुआती कार्रवाई पर भी कुछ सवाल उठे हैं.

इस घटनाक्रम के बाद पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री महिन्दर भगत ने संस्कारों के प्रतीक के तौर पर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और गहरी संवेदना व्यक्त की. मंत्री भगत ने परिवार की मांग को दोहराते हुए कहा कि इस नाबालिग के साथ बलात्कार के प्रयास के बाद हत्या की इस शर्मनाक घटना के आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में इस तरह के अपराध के विरुद्ध स्पष्ट संदेश जाए. सरकार की ओर से मामला फास्ट-ट्रैक कोर्ट में भेजकर तेजी से निर्णय लेने की योजना भी घोषित की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए न्याय प्रक्रिया तेज हो सके. भगत ने यह भी कहा कि अपराधी को सजा दिलाने के लिए सरकार की ओर से संबंधित सिफारिशें की जाएंगी ताकि ऐसी घटनाएं दुबारा न हों.

भगत ने यह स्पष्ट किया कि प्रारम्भिक चरण में पुलिस ने कुछ अच्‍छा काम किया था, लेकिन चौकी के कुछ कर्मचारियों द्वारा समय पर पर्याप्त सतर्कता नहीं बरती गई, जिसकी वजह से परिवार को अपनी बेटी को खोना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस कोताही के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई जरूरी है और इस संबंध में स्थानीय अधिकारियों के साथ ही क्राइम ब्रांच और उच्चस्तरीय जिम्मेदार शख्सियतों से भी सख्त उपायों की मांग की जाएगी. पुलिस ने इस मामले में आरोपी के कबूलनामे के हवाले से बताया कि उसने बच्ची की हत्या कर शव को बाथरूम में छिपा दिया, जिसे स्थानीय लोगों की सतर्कता से उजागर किया गया. मामले की गहराई से छानबीन के लिए सीपी और डीजीपी से कड़े निर्देश दिए गए हैं ताकि ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके.

घटना के वक्त मोहल्ले के लोग परिवार के साथ खड़े रहे, जिसने सच को जनता के सामने लाने में मदद की. इस दर्दनाक हादसे ने पंजाब के इस शहर के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है और बहादुरी के साथ साथ जागरूकता और समय पर कार्रवाई की जरूरत भी स्पष्ट कर दी है. पंजाब के लोग सदियों से आपसी प्यार और भाईचारे के लिए पहचाने जाते रहे हैं, पर इस घटना ने उस पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं कि बच्चों की सुरक्षा अब घरों और गलियों में कितनी सुरक्षित है. आगे authorities के साथ मीडिया और नागरिक भूमिका निभाते रहेंगे ताकि ऐसी घटनाएं रोकथाम संभव हो सके. पाठकों के लिए अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए आधिकारिक स्रोत देखें: पंजाब पुलिस आधिकारिक साइट और डायरेक्टेड कवरेज: मृत्युदंड और न्यायिक प्रक्रिया.

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