अमृतसर से जालंधर के मार्ग पर चल रही देहरादून एक्सप्रेस में Kishanganj, बिहार की रहने वाली पटल देवी के जीवन-परिवर्तनकारी प्रसव ने यात्रियों और रेलवे प्राधिकरण के लिए एक असामान्य घटना का उदाहरण बना दिया। ट्रेन के डिब्बे में ही प्रसव की प्रक्रिया शुरू हो गई और Kartarpur के पास ही उन्होंने बेटी को जन्म दे दिया। पति मुकेश ने बताया कि वे अपने माता-पिता और पत्नी को बिहार छोड़कर लौटने के लिए अमृतसर गए थे ताकि वे बिहार-bound ट्रेन के यात्री बन सकें, लेकिन बीच रास्ते पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इस बीच उन्होंने अपने माता-पिता को बिहार वाली ट्रेन में चढ़ा दिया और खुद जालंधर-फेसिंग ट्रेन पकड़कर पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए आगे बढ़ गया।
जैसे ही ट्रेन रेलवे स्टेशन पर पहुँची, स्टेशन के बाहर महिला पुलिस कर्मी सहित अन्य जवानों ने त्वरित सहायता दी और एक एम्बुलेंस के साथτερο Civil Hospital Jalandhar पहुँचाया गया। अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने कहा कि यह डिलीवरी नार्मल ही ہوئی है और मां तथा नवजात बेटी दोनों सुरक्षित हालत में हैं। पूर्व जन्म के बारे में परिवार ने बताया कि उनका पहला बच्चा अस्पताल में ऑपरेशन से हुआ था, जबकि अब उनकी बेटी राध्या के रूप में इस दुनिया में आई है।
महिला का नाम पाटल देवी है और उन्होंने अस्पताल में खुशी के साथ बताया कि बेटी का जन्म हुआ है और उसे राध्या नाम दिया गया है। उनका सपना है कि उनकी दोनों संताने भविष्य में फौज में जाएं; उन्होंने कहा कि जो भी उनकी बिटिया और बेटा चाहेंगे, वही उन्हें मिलेगा। पति मुकेश ने भी स्वीकार किया कि डिलीवरी के समय वह स्वयं उपस्थित था और उसने प्रसव के बाद जीवन में क्या-क्या उचित कदम उठाने चाहिए, इस पर डॉक्टरों की सलाह ली। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के लिए यह एक असामान्य लेकिन खुशी भरा हादसा है और वे सुरक्षित हालत में हैं।
घटना की पुष्टि करते हुए डॉक्टरों ने बताया कि母 और बच्ची दोनों स्थिर हैं और अभी हालत सामान्य है, डिलीवरी के लिए फिलहाल अधिक समय भी था—ये वक्त लोग कैसे संभालते हैं, इसका एक जीवंत उदाहरण बन गया है। मुकेश ने बताया कि वे मंडी में काम करते हैं और बिहार के गांव में उनका घर है; डिलीवरी से पहले माता-पिता kishanganj बिहार चले गए थे और उन्हें इसकी जानकारी फोन पर दी गई थी। डॉक्टरों की राय और रेलवे सुरक्षा व्यवस्था के अनुसार, इस प्रकार की अप्रत्याशित डिलीवरी दिखाती है कि रेलवे अस्पतालों और पुलिस के त्वरित सहयोग से आपात स्थिति में भी मानवीय मदद संभव है।
नोट: ऐसी घटनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी के लिए देखें भारतीय रेलवे और मातृत्व स्वास्थ्य से जुड़ी मार्गदर्शिका WHO – Maternal Health, ताकि रेलवे-यात्रा के दौरान प्रसव जैसी घटनाओं में बचाव और तत्परता के उपाय स्पष्ट हों।