एसडीएम ने फसल अवशेष प्रबंधन विषय पर किसानों को जागरूक किया। इस मौके पर उनके साथ कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम, एसडीओ कृषि सुशील कुमार, संबंधित पटवारी, ग्राम सचिव व तहसीलदार राजेश गर्ग मौजूद थे। एसडीएम पुलकित मल्होत्रा ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की गई हैं। किसानों को चाहिए कि वे इन स्कीमों का लाभ उठा कर वैज्ञानिक व आधुनिक तरीके से अवशेषों का प्रबंध करें। सरकार द्वारा सुपर स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, रोटावेटर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर, श्रेडर और बेलर जैसी मशीनों पर अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसानों को आर्थिक बोझ न उठाना पड़े और फसल अवशेषों का उपयोग खाद या चारे के रूप में किया जा सके। एसडीएम ने कहा कि पराली या अन्य अवशेषों को जलाने से वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होती है।
एसडीएम पुलकित मल्होत्रा ने कहा कि ग्राम सचिव और पटवारी प्रतिदिन गांवों के खेतों का दौरा करें और वहां मुनादी के माध्यम से किसानों को जागरूक करें। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में सरपंचों के माध्यम से इस विषय पर विशेष जागरूक किया जाए ताकि किसान समझ सकें कि खेतों में आग लगाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति घटती है, लाभदायक जीवाणु मर जाते हैं और अगली फसल की उत्पादकता पर भी असर पड़ता है। यदि किसी किसान को पराली प्रबंधन में कठिनाई आती है तो संबंधित कृषि अधिकारी तत्परता से उसकी सहायता करें। एसडीएम ने कहा कि यह सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है कि पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जाए। यदि कहीं भी पराली जलाने का मामला सामने आता है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।