लोन भुगतान के बाद रिकॉर्ड गायब, जालंधर में सोने पर विवाद

पंजाब के जालंधर में थाना 3 क्षेत्र के रेलवे रोड पर स्थित एक फाइनेंस कंपनी की शाखा के सामने शनिवार दोपहर एक स्थानीय निवासी ने सोना न मिलने के आरोप पर हंगामा कर दिया। घटना के पीड़ित राकेश कुमार ने बताया कि उसने इस शाखा से 3 ग्राम सोने की बालियां लेने के बदले 12 हजार रुपए का लोन लिया था. राकेश के अनुसार वह लोन के ब्याज का नियमित भुगतान करता आ रहा था और उसने तीन बार पहले ही लोन के पैसे शाखा में जमा कर दिए थे। वह अपनी माँ के साथ लोन क्लियर करने के उद्देश्य से शाखा में गया था, मगर वहां मौजूद स्टाफ ने सोना देने से इनकार कर दिया।

कथित तौर पर शाखा के कर्मचारियों ने पहले कहा कि उनके पास सोना या उसका रिकॉर्ड मौजूद नहीं है; राकेश ने जब अपनी रसीदें दिखाईं तो कर्मचारियों ने उन्हें भी स्वीकार नहीं किया और कहा गया कि सोना उपलब्ध नहीं है..branch के कर्मियों ने बातचीत को भी अनसुना कर दिया और समस्या के समाधान के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए. इसके बाद उसे शाखा से बाहर धकेलने जैसा व्यवहार भी किया गया, जिससे उसने तेज़ आवाज में हंगामा किया. स्थिति बिगड़ते देख स्थानीय पुलिस ने थाने 3 को सूचना दी और मौके पर पहुंच कर मामले की जांच शुरू कर दी।

पुलिस के मौके पर पहुँचने के बाद शाखा के अधिकारी फिर से बातचीत करने को तैयार हो गए और कहा गया कि बुधवार तक किसी न किसी तरह का हल निकल सकता है. इस बीच राकेश ने कहा कि अगर बुधवार तक समाधान नहीं निकलता, तो वह उच्च अधिकारियों से शिकायत कर कार्रवाई की मांग करेगा. इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हुआ कि लोन-गोल्ड से जुड़ी सेवाओं में पारदर्शिता और रिकॉर्ड-कीपिंग कितनी जरूरी है, ताकि ग्राहकों के साथ अदृश्य विवाद न रहें और मामला जल्द निपट सके।

यह घटना जालंधर जैसे औद्योगिक क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में सुरक्षा और जवाबदेही बनाए रखने के महत्व को रेखांकित करती है. पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और ब्रांच के खिलाफ आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं यदि रिकॉर्ड-कीपिंग और प्रक्रियाओं के उल्लंघन की पुष्टि हो. ग्राहकों के साथ बेहतर संवाद, स्पष्ट शर्तें और सही रिकॉर्ड रखने से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है. और अधिक अद्यतन के लिए देखें Punjab Police तथा RBI.

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