जालंधर: UP युवती हत्याकांड में पूर्व पार्षद व मां-बुआ नामजद

जालंधर की पॉश शिव विहार कॉलोनी में UP (उत्तर प्रदेश) की युवती निकिता की संदिग्ध मौत को लेकर नया मोड़ आया है। 31 अगस्त 2024 को 20 साल की इस नोज़रूम-सेवा करने वाली नौकरानी के मामले में पूर्व पार्षद रोहन सहगल, उनकी माँ नगीना सहगल, मृतका की बुआ कृष्णा वर्मा और एक अन्य युवक शिव के खिलाफ हत्या का आरोप तैनात किया गया है। इस प्रकरण के शुरू होने के पीछे की कहानी यह है कि निकिता का शव फंदे से लटकता मिला था और तब से जालंधर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध FIR दर्ज नहीं की गई थी। हालिया कदम UP से भेजी गई जीरो FIR के आधार पर केस दर्ज करवाने के साथ जुड़ा है, जिससे इस मामले की जांच अब तेज़ गती पकड़ पाने की उम्मीद है।

UP पुलिस की जीरो FIR के आधार पर जालंधर में दर्ज हुआ केस जन्म ले चुका है। brijmanganj के गांव niboria lokahawa के 42 वर्षीय सूरत वर्मा ने UP की अदालत में यह शिकायत दर्ज करवाई थी और साथ ही UP पुलिस में भी इसकी शिकायत की गई। पिता का कहना है कि बेटी के शव के पास पहुंचते ही उन्हें लगा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है; शव फंदे से लटका मिला और वह नहीं मानते कि निकिता ने खुद आत्महत्या की हो। UP से लाई गई जीरो FIR के कारण केस संख्या 179-Thana Division No-7 के अंतर्गत शुक्रवार को दर्ज किया गया है, जबकि थाने के SHO बलजिंदर सिंह ने इसे सत्यापित किया है।

पिता-परिवार का यह भी दावा है कि जालंधर पुलिस उनकी बात नहीं सुन पाई और उन्हें जान से मारने की धमकियाँ भी दी गईं। उन्होंने बताया कि निकिता का अंतिम संस्कार UP लौटते समय हो चुका था और उन्होंने न्याय के लिए कानून की लड़ाई UP में ही शुरू कर दी। घटना के समय निकिता रोहन सहगल के घर में 5 साल से कार्यरत थी, और वह सोढ़ल नगर में बुआ के साथ रहती थी। पति/बच्चे के बारे में अति-आरम्भिक तौर पर यह भी कहा गया कि शव के पास एक प्रेग्नेंसी स्ट्रिप मिली, जिससे यह संकेत मिल रहा था कि वह गर्भवती थी; पुलिस ने इसे आगे की जांच के हिस्से के तौर पर लिया है।

घटना स्थल पर मिली गई घटनाक्रम-जानकारी के अनुसार Nikita के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया, ताकि मौत के कारणों का स्पष्ट पता चल सके। परिवार का कहना है कि जो स्थान शव बरामद हुआ, वहां से शराबी या आत्महत्या के संकेतों के तौर पर दिखाई देने वाला कुछ भी साफ-साफ नहीं मिला; इसलिए परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। PRE-incident के बारे में परिवार के बयानों में कहा गया कि घटनास्थल से प्रेग्नेंसी स्ट्रिप मिली थी, जो संभावित गर्भावस्था की तरफ इशारा करती है, और यह मामला तेजी से हाई-प्रोफाइल बन सकता है।

घटना से जुड़े नवीनतम दावों में यह भी सामने आया कि बुआ कृष्णा वर्मा ने कहा था कि घटना से एक हफ्ते पहले निकिता के घर की बुजुर्ग महिला के साथ घरेलू तनाव हुआ था, जिससे वह काफी परेशान हो चुकी थी। इस बातचीत के साथ-साथ पुलिस ने मामले की गहराई से जांच पर जोर दिया है ताकि सच्चाई सामने आ सके और पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। Zero FIR के इस उपयोग से एक बार फिर यह संकेत मिलता है कि पुलिस कैसे किसी भी क्षेत्रीय दायरे से आई शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई कर सकती है।

अंततः इस मामले में निष्कर्ष सामने आने के लिए कई चरण शेष हैं, जिनमें पोस्टमॉर्टम के परिणाम, दायर आरोप-पत्र, और गवाहों के बयानों की निर्णायक समीक्षा शामिल है। अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक भी पढ़ सकते हैं: Zero FIR Explained और Zero FIR: What It Means.

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