हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट को बठिंडा अदालत से मानहानि केस में बड़ा झटका लगा है। अदालत ने IPC की धारा 499 और 500 के तहत उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम कर दिए हैं, जिससे अब इस मुकदमे में बहस साक्ष्यों (एविडेन्स) के आधार पर आगे बढ़ेगी। यह मानहानि मामला एक महिला किसान के खिलाफ दर्ज किया गया है; अदालत ने आरोपित के तौर पर कंगना के विरुद्ध चार्ज तय कर नोटिस जारी किया है। महिला किसान के वकील रघवीर सिंह ने कहा कि अब केस एविडेन्स स्टेज पर आ गया है और अगला कदम साक्ष्यों के प्रस्तुत करने और दलीलों की प्रस्तुति होगी।
कंगना रनोट ने कोर्ट से व्यक्तिगत पेशी (मौजूदा समय में व्यक्तिगत हाजिरी से छूट) प्राप्त करने की याचना की थी, जिसे महिला किसान के वकीलों ने विरोध किया। अदालत ने इस मुद्दे पर अभी फैसला सुरक्षित रखा है और इस पर कोई निर्णय नहीं आया है। आगामी सुनवाई 4 दिसम्बर निर्धारित की गई है, जहां अदालत इस स्टेज के मामले की आगे की कार्यवाही पर निर्णय ले सकती है और साक्ष्यों के आधार पर प्रतिपादन होगा। این निर्णय-प्रतीक्षा के बीच कोर्ट ने पेशी के बारे में कोई फलकनुमा आदेश नहीं दिया है।
इस मामले में अब तक की पंक्ति में यह भी अहम है कि किसान के पति लाभ सिंह ने कंगना की पिछली बार माँगी गई माफी को स्वीकार नहीं किया है और कहा है कि वे लड़ते रहेंगे। इससे पहले 27 अक्टूबर को हुई सुनवाई में कंगना कोर्ट में पेश हुई थीं और तब भी अगली तारीख की प्रतीक्षा जारी थी। इन घटनाक्रमों के बीच मानहानि के इस नये चरण में मुकदमे की दिशा और मुकदमाकर्ता की मांगें स्पष्ट तौर पर साक्ष्यों पर टिकी हैं।
ये खबर भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने कंगना की राहत याचिका को अस्वीकार कर दिया था, कहा गया कि ट्वीट में मसाला डालने जैसी टिप्पणी के कारण यह राहत संभव नहीं है। नीचे दिए गए लिंक से पूरी खबर पढ़िए:
Hindustan Times — सुप्रीम कोर्ट relief denial
IPC 499/500 (Defamation) – सारांश
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