कपूरथला जिले के फगवाड़ा शहर में एक पुलिसकर्मी के परिवार से जुड़े दो युवकों पर एक महिला ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है, जिसमें लगभग 11.15 लाख रुपए के शुक्ला-घोटाले की बात सामने आई है. शिकायतकर्ता करमजीत कौर के अनुसार, उनके बेटे मनप्रीत सिंह को पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर ये लोग वारदात को अंजाम दे रहे थे. इस धोखाधड़ी के चलते पुत्र के भविष्य के साथ-साथ उनके परिवार पर भी संकट के संकेत मिले. शिकायत के आधार पर शहर के सिटी थाना फगवाड़ा में धोखाधड़ी की एक फाइल खोली गई है, और मामले की पुष्टि डीएसपी फगवाड़ा ने भी की है. फगवाड़ा के कृपा नगर से जुड़े इस मामले में आरोपियों के परिवारिक संबंध और पुलिस विभाग के कर्मचारियों के भरोसे पर सवाल खड़े होते हैं, जिसकी वजह से जनता में सुरक्षा और भरोसे पर चर्चा बढ़ी है.
মामला दर्ज करने वाले अनुसार, करमजीत कौर को बतौर संभावित मददगार सुनेह प्रताप और उसके भाई विजय प्रताप ने उनसे पहले मुलाकात की. ये दोनों आरोपी फगवाड़ा थाना सदर के पुलिस क्वार्टर में रहते हैं और इनके पिता पुलिस विभाग में कॉन्स्टेबल हैं. आरोप है कि नौकरी दिलाने के बहाने उन्होंने ऊँच-ऊँच अधिकारी तक पहुँच benadr… उनके कथन के अनुसार, उच्च अधिकारिक पहुँच दिखाकर नौकरी के नाम पर लाखों रुपए मांगना शुरू कर दिया गया. परिवार ने कुल 11.15 लाख रुपए अलग-अलग तरीकों से दे दिए—कभी नकद, कभी बैंक ट्रांसफर—परंतु नौकरी दिलवाने की जगह वे रकम लौटाने के बजाय लगातार टालमटोल करते रहे.
जनवरी के महीने में जब पैसे वापस माँगे गए, तो आरोपियों ने धमकी देना शुरू कर दिया कि वे करमजीत कौर के बेटों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देंगे. यही धमकी और पैसे की मांग पुलिस के संज्ञान में आने पर पुलिस ने कार्रवाई की तैयारी शुरू की. शिकायत के बाद मामले को IPC की धाराओं 406 (विश्वासघात/धोखाधड़ी के लिए संपत्ति का दुरुपयोग) और 420 (धोखाधड़ी के माध्यम से ठगी) के तहत दर्ज किया गया, जिससे दोनो बच्चों के विरुद्ध प्राथमिकी बन गई. डीएसपी फगवाड़ा भारत भूषण ने घटना की पुष्टि की और स्थानीय पुलिस ने संदिग्धों के खिलाफ chase शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है और इलाके के पार्क, क्वार्टरों आदि में दबिश दी जा रही है.
यह मामला फगवाड़ा में पुलिस भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों से जुड़ा एक और सच उजागर करता है—कितने ही लोग उच्च संपर्क और जालसाजी के जरिये सुरक्षित नौकरी पाने की उम्मीद में पैसे गंवा देते हैं. जनता को ऐसे प्रलोभनों से सावधान रहने की सलाह दी जाती है: किसी भी नौकरी के लिए अग्रिम रकम मांगने पर सबसे पहले सत्यापन करें, और किसी भी संदेह की स्थिति में सीधे स्थानीय पुलिस से संपर्क करें. पुलिस विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों पर सतर्क रहने के लिए आप नीचे दिए गए आधिकारिक संसाधनों से भी जानकारी ले सकते हैं. Punjab Police और IPC के मौजूदा अधिकारिक पन्ने देखें ताकि धाराओं की स्पष्ट जानकारी मिल सके.
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