घटना की सूचना मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे और सड़क पर धरना देते हुए जाम लगा दिया। इससे कुछ समय के लिए यातायात बाधित रहा। स्थानीय व्यापारियों का आरोप है कि असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर मंदिर परिसर में तोड़फोड़ की और धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया। उन्होंने दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सूचना मिलते ही एडिशनल एसपी दिलीप सैनी सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला। कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे और अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली। विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि दो-तीन दिनों से एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति मंदिर के आसपास घूम रहा था। पुलिस को संदेह है कि घटना में उसी की भूमिका हो सकती है, लेकिन मामले की निष्पक्ष जांच आवश्यक है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह घटना किसी साजिश के तहत तो नहीं की गई।
एडिशनल एसपी दिलीप सैनी ने बताया कि मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की शिकायत मिलने पर मौके का निरीक्षण किया गया है और स्थानीय लोगों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। फुटेज में रविवार अल सुबह लगभग 3:45 बजे एक संदिग्ध व्यक्ति मंदिर के आसपास घूमता दिखाई दिया है। पड़ोस के लोगों के अनुसार, रात के समय भी वह व्यक्ति वहां देखा गया था और लोगों द्वारा टोकने पर भी वह वहां से नहीं गया।
स्थानीय दुकानदार सुनील निमोदिया ने कहा कि यह एक प्राचीन मंदिर है, जहां आसपास के दुकानदार रोजाना दुकान खोलने से पहले भगवान को जल अर्पित करते हैं। इस तरह की घटना से सभी आहत हैं और मांग करते हैं कि दोषियों को कठोर से कठोर सजा दी जाए।