लुधियाना कांग्रेस: तलवाड़ का ‘ऑपरेशन यूनिटी’—सुलह की कोशिश?

लुधियाना कांग्रेस में उठी गुटबाजी को खत्म कर सभी नेताओं को एक साथ लाने की कवायद में दोबारा जिला अध्यक्ष बनकर बैठे संजय तलवाड़ ने “ऑपरेशन यूनिटी” की मांग को सच में धार दे दी है। उनकी पहली कोशिश शहर के सभी बड़े नेताओं से व्यक्तिगत मुलाकात के जरिये संपर्क-वृहत बनाना है, ताकि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का रडार एकजुट हो सके। यह आसान नहीं क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु के बीच पड़ी दूरी को पाटना एक कठिन चुनौती है। फिर भी तलवाड़ का मानना है कि पार्टी के अंदर का पेंच धीरे-धीरे खुल जाएगा और कांग्रेस पूरी टीम एक साथ खड़ी दिखेगी।

तलवाड़ ने जैसे ही कमान संभाली, उन्होंने शहर के सीनियर नेताओं के घर जाकर मुलाकातों का दौर शुरू कर दिया है। अब तक वे पूर्व विधायक राकेश पांडे, सुरिंदर डाबर, कुलदीप वैद, सिमरजीत सिंह बैंस, बलविंदर बैंस और पूर्व जिला प्रधान पवन दीवान से मुलाकात कर चुके हैं, ताकि डोर-टू-डोर फॉर्मूला के जरिये गुटबाजी समाप्त हो सके। उनका तर्क है कि ग्रास-रूट से लेकर शीर्ष नेताओं तक सभी एक प्लेटफॉर्म पर हों, ताकि 2027 के लिए संगठन की ताकत बढ़ सके और पार्टी के भीतर नाराजगी कम हो। ऐसी कोशिशें पार्टी के प्रति भरोसा और नई ऊर्जा का संकेत देती हैं।

तलवाड़ ने स्पष्ट किया है कि जो लोग अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग और भारत भूषण आशु के बीच दूरी का हवाला दे रहे हैं, वे जल्द एक साथ सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों ही कांग्रेस के मजबूत स्तंभ हैं—राजा वड़िंग पार्टी के प्रदेश प्रमुख हैं और आशु वरिष्ठ नेता। 2027 में शहर की सभी सीटें जीतना इन दोनों का साझा लक्ष्य है, और वे साथ मिलकर काम करेंगे। तलवाड़ का दावा है कि जिले के हर क्षेत्र से लोगों को जोड़कर पूरी कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी, ताकि गुटबाजी के बावजूद संगठन के भीतर समान vision बना रहे।

प्रदेश कांग्रेस के भीतर एक बड़ा कदम आईटी-सेल को मजबूत बनाकर भी उठाया जाएगा। जिला से लेकर Ward स्तर तक के नेताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय किया जाएगा, ताकि पार्टी की आवाज सहज-सरल तरीके से आम जनता तक पहुंचे। डोर-टू-डोर अभियानों के साथ-साथ डिजिटल अभियान पर जोर देकर कांग्रेस का संदेश व्यापक स्तर पर फैलाने की तैयारी है। Ludhiana, जो पंजाब की राजनीति का सबसे बड़ा शहरी केंद्र है, वहां छह विधानसभा क्षेत्र हैं और मानचित्र में गिल व साहनेवाल भी अब शहर के करीब आ चुके हैं, जिससे कुल आठ विधानसभा सीटें बनती हैं। यही वजह है कि Ludhiana कांग्रेस के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम बना हुआ है। अधिक जानकारी के लिए read more at The Tribune – Punjab News और Indian Express – Punjab News.

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