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लुधियाना के थाना डिवीजन-4 पुलिस ने गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है. आरोपी जतिन उर्फ सैम और जसप्रीत सिंह की पहचान हुई है. उनके पास से अवैध हथियार मिले हैं. मोबाइल डिटेल्स से कई संदिग्ध नंबर सामने आए हैं. वॉट्सएप चैट भी खंगाली जा रही है ताकि गिरोह के तार स्पष्ट हों. 12 दिसम्बर को गुप्त सूचना के आधार पर गिरफ्तारी हुई और यह वैद्य मंदिर चौक के पास दरेसी ग्राउंड से हुई. साथ ही फिरोजपुर जेल में बंद गैंगस्टर शुभम ग्रोवर को प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है. पुलिस का कहना है कि शुभम ग्रोवर के गोल्डी बराड़ के साथ लिंक सामने आ रहे हैं. कारोबारियों से फिरौती मांगे जाने की सूचना पर यह जांच बड़े स्तर पर चल रही है. پولیس ने इस मामले में 111(1,2) BNS 25/54/59 Arms Act के तहत मामला दर्ज किया है.
गोल्डी बराड़ के कनेक्शन और जरूरी पृष्ठभूमि
पुलिस के अनुसार इस मामले में 15 अन्य बदमाशों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. कुछ नाम पहले से जांच के दायरे में हैं. गिरोह के तार extortion की घटनाओं से जुड़े बताए जा रहे हैं. केंद्रीय स्तर पर UAPA के तहत गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित किया गया है. खालिस्तानी संगठन BKI से उनके लिंक दिख रहे हैं. गोल्डी बराड़ को लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माना गया और वह सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद चर्चा में आए थे. Sidhu Moose Wala की हत्या इस केस की पृष्ठभूमि बनती है. इन सब पहलुओं से गिरोह की सुरक्षा-समिति स्पष्ट होती है.
जांच का दायरा और गिरफ्तार आरोपी
प्रारंभिक चरण में गिरोह के अन्य सदस्य भी सामने आ रहे हैं. इस समूह में शुभम ग्रोवर, वरिंदर चरन, मानव, विकास शामिल बताए गए हैं. इनके अलावा राजेश उर्फ कनन्नू, संदीप, नरेश सोनी भी सूची में बताए जाते हैं. साथ ही विक्रम संदीप, राजन सिद्धू उर्फ नन्नी, जसप्रीत सिंह उर्फ जस और जतिन उर्फ सैम इस नेटवर्क से जुड़े बताए जाते हैं. पुलिस का कहना है कि इनके पास से हथियार और अन्य दस्तावेज भी मिले हैं. 12 दिसम्बर को इन्हीं आरोपियों की गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर दरेसी ग्राउंड के पास वैद्य मंदिर चौक से हुई. पुलिस टीम मोबाइल डिटेल्स, कॉल लॉग और व्हाट्सएप चैट की गहन जांच कर रही है. गिरोह की वॉच सूची और संदेु नंबरों की प्रोफाइलिंग चालू है.
गोल्डी बराड़ कौन हैं और क्यों चर्चा में?
गोल्डी बराड़ का नाम पंजाब-जैन गैंगस्टर क्राइम के इतिहास में काफी ऊँचा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत उन्हें आतंकी घोषित किया है. उनके खालिस्तानी संगठन BKI के साथ कनेक्शन के सबूत सामने आते रहे हैं. वह लॉरेंस बिश्नोई का करीबी माने जाते थे और सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के बाद वे खास चर्चा में आए. इस केस में भी ऐसे लिंक और नेटवर्क की भूमिका की जांच हो रही है. आगे क्या खुलकर निकलकर आता है, यह पुलिस सुरक्षा-प्रस्ताव के साथ देखें.
नोट: सुरक्षा वजह से पुलिस ने कहा है कि कई संदिग्ध नंबर, कॉल लॉग और चैट की जांच में दबे तथ्यों को उजागर किया जाएगा. इस मामले पर विस्तृत अपडेट के लिए नीचे दिए गए विश्वसनीय स्रोत देखें: गोल्डी बराड़ और Sidhu Moose Wala.
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