लुधियाना टोल विवाद: पूर्व विधायक को फ्री पास, बैंस ने खुलवाया टोल प्लाज़ा

पंजाब के सबसे महंगे टोल प्लाजा लाडोवाल में देर शाम एक सनसनीखेज घटनाक्रम घटا जब पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता सिमरजीत सिंह बैंस ने टोल खुलवाकर वाहनों को मुफ्त निकलवाने का दावा किया। जालंधर से किसी कार्यक्रम से लौटते वक्त लुधियाना स्थित इस टोल प्लाजा पर देरी के चलते भारी जाम लग गया, जो फिल्लौर से पीछे गोराय तक पहुँचा। टोल के सुरक्षा कर्मी और स्थानीय अधिकारी इस अवरोधक परिस्थिती को लेकर विरोध जताते रहे, पर बैंस और उनके समर्थकों ने सुरक्षा कर्मियों को किनारे करके ट्रैफिक को मुक्त करवाने का प्रयास किया। घटना के दौरान कुछ गाड़ियाँ गलत दिशा से भी भीतर जाने की कोशिश कर रही थीं, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो उठी।

टोल पर देरी का मुख्य कारण बतौर अवरोध बताया गया, जब पूर्व विधायक ने रॉन्ग साइड गाड़ी लेकर टोल पर पहुंचकर कहा कि ट्रैफिक के हालात बदले बिना समय रहते टोल कटाव संभव नहीं होगा। उनका कहना था कि अगर तीन मिनट से अधिक समय लगे तो टोल शुल्क नहीं कटना चाहिए, जिसे उन्होंने आधिकारिक नियम समझाकर कर्मचारियों से जल्द से जल्द शुल्क वसूलने की मांग की। इस आदेश के साथ ही लगभग 15 मिनट तक वे और उनके समर्थक वाहनों को मुफ्त में निकालते रहे, जबकि टोल स्टाफ और प्रबंधक इसकी स्पष्ट निंदा कर रहे थे और यही बात उन्होंने भी माना कि जाम उनके कारण नहीं बना था, फिर भी टोल कटाव के लिए दबाव बनाते रहे। इस बीच टोल प्रबंधकों ने बताया कि ऐसी परिस्थितियों में शुल्क कटना पारंपरिक नियमों के अनुसार ही होता है।

टोल प्रबंधन और अधिकारियों के बीच लगातार नोक-झोंक देखने को मिली। प्रबंधकों ने साफ तौर पर कहा कि यह स्थिति उनकी लापरवाही नहीं बल्कि यातायात नियंत्रण और शुल्क वसूलने की प्रक्रिया से जुड़ी जटिलताओं का परिणाम है; वहीं बैंस ने अपने तर्कों को मजबूती देते हुए कहा कि अगर टोल पर सूझबूझ से नियंत्रण बना रहता, तो यह जाम नहीं लगता और जनता को ऐसी परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। उन्होंने यह भी दोहराया कि अस्थायी नियमों के बारे में विधानसभा committee के सामने वह पहले से शिक्षित कर चुके हैं और सरकार की आय को बड़ा मानना गलत नहीं है, पर जनता के आक्रोश और सेवाओं में बाधा पैदा करना उचित नहीं है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर स्थिति सुधरे नहीं, तो वे शाम को अपने समर्थकों के साथ फिर से आकर सेवा जारी रखेंगे ताकि लोग राहत महसूस कर सकें। इस मामले में उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरकारी राजस्व संकलन का मुद्दा है, पर पब्लिक की परेशानी सर्वोपरि है।

पूर्व विधायक के इस क्रियाकलाप ने एक बार फिर सार्वजनिक जीवन और प्रशासन के बीच चल रहे तनाव को उजागर किया है। सिमरजीत सिंह बैंस, जो कई बार सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों को कड़ी भाषा में चुटकी लेते रहे हैं, इस घटना के बाद भी अपने “वरदान” के रूप में सार्वजनिक सेवा को निरंतर चलाने की बात कह रहे हैं। यह घटना लाडोवाल टोल प्लाजा के जाम और टोल संग्रह के नियमों पर तीखी बहस को जन्म दे चुकी है, और राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ प्रशासनिक जवाबदेही की भी चर्चा तेज कर दी है। स्थानीय लोगों में यह सवाल कायम है कि क्या भविष्य में ऐसी घटनाओं से ट्रैफिक और जनता की से weave बनी रहेगी, या फिर टोल प्रबंधन और नियमों के तहत चलाई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए देखें NHIA और पंजाब सरकार की आधिकारिक साइटें: NHIA (National Highways Authority of India) | पंजाब सरकार.
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