मजीठिया को हाईकोर्ट से झटका, जमानत खारिज—अब सुप्रीम कोर्ट?

हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट की राह

पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उन्हें जमानत नहीं मिली है. अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दाखिल करनी पड़ेगी. अभी तक अदालत का कोई आदेश नहीं आया है. 25 जून को गिरफ्तार होने के बाद से वे पाँच महीने से जेल में हैं. साले गजपत सिंह ग्रेवाल के भगोड़ा घोषित करने की याचिका पर आज मोहाली अदालत में सुनवाई होगी. यह घटनाक्रम पंजाब की राजनीति और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा गया है. विपक्ष और समर्थक इसे राजनीतिक हथकंडे की तरह भी देख रहे हैं. वाटेयर में है कि आगे क्या होगा, यह समय बताएगा. पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत न मिलने पर Bikram Majithia bail के संदर्भ में कई समाचार साइट्स इसे प्रमुख एजेंडे में रखे हुए हैं. और अधिक जानकारी देखें The Hindu की खबर.

विजिलेंस चौकीदार की चार्जशीट के अहम बिंदु

विजिलेंस ब्यूरो ने चार्जशीट में कई अहम बिंदु दायर किए हैं. चार्जशीट में दो सौ गवाह तैयार करने की बात कही गई है. दस साल के भीतर चार सौ बैंक खाते खंगाले गए—यह दावा शामिल है. इसमें अकाली और बीजेपी नेताओं के बयान भी दर्ज हैं. एजेंसी का कहना है कि चार्जशीट समय पर दाखिल की गई. अब तक मामले में 200 गवाह बनाए गए हैं. गुलाटी को सरकारी गवाह माना गया था, पर अब वह सहयोग नहीं कर रहे. एक नया तथ्य यह भी है कि गुलाटी के माध्यम से संपत्तियां बनने के आरोप सामने आए हैं. मोहाली अदालत ने गुलाटी के छह दिन की रिमांड को मंजूरी दी है. पीड़ित पक्ष का कहना है कि गुलाटी पहले सरकारी गवाह था, पर जांच में बदलाव आया. विजिलेंस के वकील ने कहा कि अब उनके पास ठोस सबूत उपलब्ध हैं. विस्तार के लिए देखें The Hindu की खबर.

गुलाटी गिरफ्तारी और रिमांड की स्थिति

विजिलेंस के करीबी हरप्रीत सिंह गुलाटी को चार दिन पहले गिरफ्तार किया गया. वजह बताई गई कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. आरोप है कि गुलाटी के जरिए मजीठिया ने शिमला और दिल्ली में संपत्तियाँ बनाई. गिरफ्तार आरोपी को सरकारी गवाह माना गया, फिर वह सहयोग नहीं कर रहा. मोहाली अदालत ने गुलाटी को छह दिन की रिमांड पर रखा. पीड़ित पक्ष के अनुसार यह सबूतों के आधार पर किया गया है. विजिलेंस का कहना है कि अब उनके पास मजबूत साक्ष्य हैं. मामले की गति राजनीति से प्रेरित दांवपेंच की तरह भी है. पूर्व मंत्री के समर्थक इसे राजनीतिक दबाव की कार्रवाई बताते हैं. रिपोर्ट और विश्लेषण के लिए देखें India Today.

भगोड़ मामले की अगली सुनवाई और संभावनाएं

ईक_december को भगोड़ा घोषित करने पर सुनवाई होने की स्थिति है. मोहाली जिला अदालत ने एक दिसंबर को सुनवाई निर्धारित की है. ग्रेवाल के खिलाफ भगोड़ा घोषित करने की याचिका भी दायर है. यह एप्लिकेशन अदालत में दायर किया गया है और आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है. इस हाई-प्रोफाइल मामले में अन्य नेताओं के बयान और विजिलेंस के दावों पर कानूनी फैसले अपेक्षित हैं. पीड़ित पक्ष और बचाव पक्ष दोनों अपनी-अपनी दलीलों के साथ सामने आए हैं. विशेषज्ञों के अनुसार त्वरित और निष्पक्ष निर्णय ही समस्याओं को कम कर सकता है. उम्मीद है कि अदालतें स्वतंत्र एवं स्पष्ट निर्णय लें. और अधिक जानकारी के लिए देखें भारत की प्रमुख खबरों के स्रोत India Today.
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