सन्नी एन्क्लेव: कुंडी कनेक्शन से ट्यूबवेल चलाते पकड़े

मोहाली की पॉश सन्नी एन्क्लेव में बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड के ट्यूबवेल्स के जरिए सरकारी लाइन से कुंडी लगाकर अवैध पानी की सप्लाई के आरोप सामने आए हैं। विभागीय सूत्रों के अनुसार सेक्टर 123, 124 और 125 में कंपनी ने लगभग 22 ट्यूबवेल्स सक्रिय रखे हुए थे, जिनमें से कुछ प्रोजेक्ट नगर निगम के अधीन टेकओवर हो चुके हैं जबकि 5 ट्यूबवेल्स मोहाली विभाग के अंतर्गत और 11 खरड़ के बिजली क्षेत्राधिकार में मानी गईं। आयुक्तों के अनुसार बिजली बिलों का भुगतान काफी समय से नहीं किया गया था जिससे इन कनेक्शनों को काटना आवश्यक हो गया था। ऐसे में विभाग ने सुरक्षा और कानून व्यवस्थित तरीके से काम लेते हुए कार्रवाई शुरू की।

एक नागरिक द्वारा साझा किया गया वीडियो और एक अन्य क्लिप ने बिजली चोरी के दावों को हवा दी, जिसमें यह कहा गया कि बिल्डर ने दिखावे के लिए ट्यूबवेल्स के पास जनरेटर रखा है, पर असल में रात के समय सरकारी लाइन से कुंडी लगाकर मोटरें चलाई जा रही थीं। वीडियो सामने आते ही बिजली विभाग में हलचल मच गई और टीमों की तुरंत छापा मार कार्रवाई करके अधिकांश अवैध कुंडी कनेक्शन काट दिए गए। एक्सईएन तरनजीत सिंह के अनुसार इस समय कुंडी कनेक्शन की पुख्ता जाँच और असेसमेंट चल रहा है, ताकि वास्तविक नुकसान का आकलन किया जा सके और कानूनी कार्रवाई सही तरीके से की जा सके।

जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि बाजवा डेवलपर्स लिमिटेड के एमडी जरनैल सिंह बाजवा पिछले लगभग डेढ़ साल से कई धोखाधड़ी के मामलों में जेल में हैं, जिससे कंपनी की जिम्मेदारी अब सीधे उसके प्रबंधन पर आ चुकी है। विभागीय अधिकारी इस बात की भी छानबीन कर रहे हैं कि यह अवैध गतिविधि कब और कैसे शुरू हुई, किस-किन अधिकारी ने इसे संचालित किया, और किन प्रबंधन निर्णयों की वजह से यह स्थिति बनी। जुर्माना और बकाया बिलों की वसूली के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार होने के बाद संबंधित कंपनी पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। आगे की जांच से यह स्पष्ट हो जाएगा कि किन-किन मोर्चों पर नियंत्रण की कमी रही और क्या यह अभियान किसी बड़े साजिश से जुड़ा था।

इस मामले में बिजली विभाग का स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की अवैध बिजली-या पानी के कनेक्शन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम mohali की रसद-प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक संकेत है कि ऐसे धांधलीपूर्ण व्यवहारों के खिलाफ न केवल प्रशासनिक बल्कि नियामक नियंत्रण भी मजबूत किया जाएगा। अधिकृत स्रोतों के अनुसार PSPCL और PSERC की टीमों के साथ समन्वय जारी रहेगा ताकि सत्यता की पुष्टि हो और प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।

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