जालंधर में किला नवयुवक सभा और जन कल्याण संघ के संयुक्त आयोजन में श्री सनातन धर्म सभा माईंहीराब गेट के परिसर में चल रही शिव कथा में गुरुवार को भरत पांडेय महाराज ने भक्तों को संबोधित किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जीवन के हर भय को हराकर अभय का वरदान देने वाले वही भगवान शिव हैं। कथा में भगवान शिव के नाम की महिमा को प्रस्तुत करते हुए महाराज ने कहा कि शिव के परम भक्त भी जब उनकी आराधना करते हैं, तब स्वयं शिव को भी उनके कष्ट दूर करने के लिए आना पड़ता है। इस संतोषजनक प्रसंग का उद्देश्य समाज में साहस, धैर्य और भक्तिपथ को प्रबल करना रहा। इस कार्यक्रम के मुख्य श्रोता जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट आदित्य जैन थे, जिन्होंने कहा कि शिव कथा से मिलने वाले mikro विचार जीवन में ठहराव नहीं, बल्कि व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं। साथ ही एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट रोहित गम्भीर और आरएसएस के प्रांतीय सहकार्यवाह डॉ. सतीश शर्मा भी मंच पर मौजूद रहे और उन्होंने कथा के सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव पर प्रकाश डाला।
भक्ति मार्ग की इस कथा में श्रोताओं के बीच एकांतिक नहीं, बल्कि सामूहिक सद्भाव की तस्वीर उभरकर सामने आई। वक्ताओं ने कहा कि शिव कथा के श्रवण से न केवल व्यक्तिगत आध्यात्मिक उन्नति संभव है, बल्कि समाज में एक नवा-सा सद्भाव एवं सहिष्णुता का वातावरण निर्मित होता है। महंतगणों की बातों को समेटते हुए उन्होंने कहा कि भय को मुक्त कर लेने पर ही व्यक्ति जीवन के मूल्यों की सही दिशा तय कर सकता है। शिव के नाम की पवित्रता पर बल देते हुए कहा गया कि जब लोग उच्च विचारों को अपनाकर जीवन जीते हैं, तब ही एक स्वस्थ समुदाय की रचना संभव हो पाती है। शिव-भक्ति के इस संदेश को और गहरा करने के लिए श्रद्धालु भक्तगण शिव के स्वरुप और उनके कर्तव्य को समझने की कोशिश कर रहे हैं; इस संदर्भ में भक्तों के मन में धार्मिक-आध्यात्मिक जागृति जागृत हुई है। यदि आप शिव के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो विकिपीडिया के लेख पर जाकर पढ़ सकते हैं Shiva – विकिपीडिया, और यदि चाहें तो Britannica में भी शिव की विस्तृत जानकारी उपलब्ध है Shiva – Britannica।
कार्यक्रम के संरक्षक नवल कंबोज ने कहा कि जीवन की राह तय करते समय भक्त pathway को छोडे नहीं, बल्कि भक्तिमार्ग पर चलकर आने वाले सफर को स्पष्ट करें; यही शिव जी के आशीर्वाद से संभव है। इस संदेश को जिला और क्षेत्र के शुभचिंतकों ने दिल से लिया और आयोजन की महत्ता को पुनः सर्वत्र उजागर किया। इस अवसर पर नवल किशोर कंबोज, हनी कंबोज, राजन शर्मा, राजीव शर्मा, चंद्र चड्ढा, सनी मरवाही और प्रवेश जैसे कई गण्यमान सदस्य भी मौजूद थे; इन सभी व्यक्तियों ने मिलकर कार्यक्रम की सामाजिक प्रभावशीलता को और मजबूत किया। आगामी दिनों में इस कथा के प्रवाह को आगे बढ़ाकर क्षेत्रीय भक्तों के बीच भक्ति-प्रेरणा संबंधी कार्यक्रमों की बारीकियाँ साझा करने की योजना बताई गई है, ताकि शिव-भक्ति के यह उदाहरण जालंधर सहित आस-पास के जिलों में भी प्रेरणा बनकर रहें।
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