लुधियाना में श्री गुरु तेग बहादर जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर असम से آغاز हुआ नगर कीर्तन शनिवार को गुरुद्वारा श्री कल्गीधर साहब फील्ड गंज पहुंच गया। इस पावन अवसर पर गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया और पाँच प्यारों की निर्देशित राह ने संगत को श्रद्धा के साथ गुरुद्वारे तक ले जाया। गुरु साहिब के शस्त्रों के दर्शन कर भक्तों ने मनोहर पुष्प वर्षा से आयोजन की भव्यता में चार चाँद लगाए, जिससे पूरे परिसर में एक दिव्य माहौल रच गया। स्वागत के लिए जगह-जगह भव्य आतिशबाजी भी की गई, जो अंबर को प्रकाशमय कर रही थी।
यह नगर कीर्तन असम से चलकर पंजाब की सांस्कृतिक परंपराओं और ऐतिहासिक मान्यताओं के साथ शहर-शहर यात्रा करते हुए लुधियाना पहुँचा। SGPC की नेतृत्वकारी योजना और व्यवस्थाओं के मद्देनजर ‘श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया’ और ‘पंज प्यारे’ की आराधनात्मक रहनुमाई ने श्रद्धालुओं को एक उत्सवपूर्ण वातावरण में शामिल किया। श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारों के मार्ग पर खड़े होकर गुरु साहिब के शस्त्रों के दर्शन का पुण्य लाभ लिया तथा नगर कीर्तन के साथ मंच-नृत्यों औरकीर्तन के दृश्य भी देखने को मिले। सुरक्षा और मार्ग-व्यवस्था के कड़े इंतजाम भी रहने से आस्था एवं अनुशासन का संगम दिखा।
गुरुद्वारा कल्गीधर साहिब फील्ड गंज पर पहुंचते ही इस आयोजन की गरिमा और भी बढ़ गई। यह मानना है कि यह नगर कीर्तन आज और कल शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में श्रद्धालुओं के लिए स्वागत कार्यक्रमों के साथ जारी रहेगा। मार्ग पर सजावट, रोशनी और फूलों की शोभा ने इलाके को उत्सव-सा बना दिया, वहीं पुलिस-व्यवस्था और स्वयंसेवकों की टीम ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध रखे ताकि भक्तगण बिना किसी बाधा के पवित्र मार्ग का आनंद ले सकें। शोभाव-आतिशबाजी और भक्तों की प्रतीक्षा में सड़कों के किनारे खड़ी भीड़ ने इस पवित्र अवसर को एक अद्धभुत संगीतमय धुन दे दी।
350वें शहीदी दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर SGPC और समस्त संगत गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान और संदेश को श्रद्धा-भाव से स्मरण कर रही है—जो धर्म-सम्प्रदाय एकता, करुणा और समानता के मूल्य को मजबूत बनाता है। लोग गुरुद्वारों का रुख कर गुरु ग्रंथ साहिब के मार्गदर्शन को आत्मसात कर रहे हैं और इतिहास की इस घटना से प्रेरित होकर अपने समाज में शौर्य, दया और न्याय की भावना को प्रबल बना रहे हैं। अधिक जानकारी के लिए देखें SGPC की आधिकारिक साइट और गुरु तेग बहादुर जी के बारे में विस्तृत पन्ने: SGPC और Guru Tegh Bahadur.
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