अपील में कहा गया की हाईकोर्ट की एकलपीठ ने केस को गलत तरीके से दूसरे जिले में ट्रांसफर किया है। इसके अलावा शिकायतकर्ता के परिजन वकील हैं और जयपुर में प्रैक्टिस करते हैं। ऐसे में वे सुनवाई में व्यवधान डालते हैं। इसलिए मामले को वापस धौलपुर या भरतपुर कोर्ट में शिफ्ट किया जाए। वहीं पीड़ित हर्षाधिपति की ओर से कहा गया कि अपीलार्थी को जमानत मिलने के बाद उसने जुलूस निकालकर शक्ति प्रदर्शन किया था। हाईकोर्ट ने भी इस आधार पर केस को धौलपुर से जयपुर ट्रांसफर किया था। वहीं आरोपी मंत्री और तीन बार विधायक रह चुका है। ऐसे में इन जिलों में वह दबदबा रखता है। इसलिए अपील को खारिज किया जाए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अपील को खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार 29 मार्च, 2022 को बाड़ी थाने में मलिंगा और उनके समर्थकों के खिलाफ याचिकाकर्ता पर हमला और मारपीट का मामला दर्ज हुआ था। घटना को लेकर हाईकोर्ट ने 17 मई, 2022 को मलिंगा को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए था। जमानत मिलने के बाद जुलूस निकालने के चलते अदालत ने 5 जुलाई, 2024 को मलिंगा की जमानत रद्द करते हुए उसे तीस दिन में सरेंडर करने को कहा था। इसके खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई, 2024 को हाईकोर्ट के जमानत रद्द करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी। वहीं 8 नवंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने रोक को हटाते हुए मलिंगा को सरेंडर करने को कहा था। मलिंगा के सरेंडर करने के बाद 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे।