एसडीएम मनदीप कुमार ने सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचकर स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि गीता के साथ जीवन का सच जुड़ा है और यह जीवनशैली को दर्शाती है। गीता के प्रति श्रद्धा चाहिये। गीता के समान ऊंचा प्रेरणा परक कोई ग्रंथ नही है। गीता प्रेरणा देती है और असहाय जीवन में जान फूंकती है। यह किसी मजहब का नही मानव जीवन का सारांश है। उन्होंने स्कूली छात्राओं से नियमित अभ्यास करने व मैडिटेशन करने का आह्वान किया।
सेमिनार में अग्रवाल समाज पानीपत के अध्यक्ष विकास गोयल ने कहा कि गीता हमें यही सिखती है कि हमें सरल रहना चाहिए और विद्यार्थियों को पक्षियों की तरह हल्का होकर अपने काम पर फोकस करना चाहिए ताकि वे जीवन में ऊंचा उड़ सकें। बच्चों को हमेशा जिज्ञासु बनना चाहिए।
राजकीय वरिष्ठ मा.वि.वैसर के प्रधानाचार्य महेन्द्र दीक्षित ने कहा कि मनुष्य के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं आज का मानव चारों और से चुनौतियों और द्वंदो से घिरा है। उसका इस स्थिति में मार्गदर्शन गीता कर सकती है। गीता को समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गीता का सार कर्मके प्रति प्ररित करना है। गीता में सभी संस्कृतियों का जीवन है।
राष्ट्रीय सैनी समाज के पानीपत के अध्यक्ष कंवर रविन्द्र सैनी ने गीता के विभिन्न अध्यायों के श्लोकों का वाचन कर बच्चों को अपने जीवन के अनुभव सांझा किए और कहा कि बच्चों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए और अपना ध्यान भटकाना नहीं चाहिए। गीता सैमिनार में जीओ गीता की ओर से अनिल मदान ने गीता स्तुति कर विभिन्न अध्यायों का अनुवाद हिन्दी में बताया। इस मौके जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बुरा, एलडीएम राजकुमार, डीआईपीआरओ सुनील बसताड़ा, डॉ. एम.के.के.स्कूल के एडमिनिस्ट्रेटर दीपक कुमार इत्यादि मौजूद रहे।