प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को अवमानना नोटिस—जानें पूरा मामला

राज्य कर्मचारी कल्याण निगम से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में उच्च न्यायालय ने प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग तथा अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी कल्याण निगम को अवमानना नोटिस जारी किया है। अदालत ने यह कार्रवाई उन आदेशों के कथित पालन न होने पर की है, जिन्हें पूर्व में निगम और संबंधित विभाग को निर्धारित समयसीमा में पूरा करना था।

अदालत के अनुसार, निगम से संबंधित कार्यों और कर्मचारियों के हितों से जुड़े निर्देशों को समय पर लागू नहीं किया गया। याचिकाकर्ता की ओर से दायर अवमानना याचिका में दावा किया गया कि विभाग और निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आवश्यक कार्रवाई नहीं की, जिससे कर्मचारियों को राहत देने वाली प्रक्रिया अधूरी रह गई। इस पर न्यायालय ने कठोर रुख अपनाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

न्यायालय ने कहा कि यदि किसी विभाग को न्यायालय के आदेश मिलते हैं, तो उनका अनुपालन अनिवार्य है। आदेशों का समय पर और पूर्ण पालन न केवल प्रशासनिक जिम्मेदारी है, बल्कि न्याय व्यवस्था की गरिमा बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। अदालत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे निर्धारित अवधि में विस्तृत जवाब दाखिल करें और यह स्पष्ट करें कि आदेशों का पालन क्यों नहीं किया गया।

इस मामले की अगली सुनवाई निर्धारित तिथि पर होगी, जिसमें अधिकारियों की ओर से दाखिल जवाबों पर विचार किया जाएगा। यदि संतोषजनक उत्तर नहीं मिलता, तो न्यायालय आगे की कार्रवाई करते हुए कठोर कदम भी उठा सकता है।

यह मामला राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के अंतर्गत आने वाले लाभों, वित्तीय देयों एवं सेवा सुविधाओं के समयबद्ध निस्तारण से जुड़ा है। अदालत का यह नोटिस विभागीय जवाबदेही और पारदर्शिता को लेकर एक महत्वपूर्ण संदेश माना जा रहा है।