हिसार : संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं बल्कि देश की आत्मा : प्रो. बीआर कम्बोज

हिसार, 14 नवंबर । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में भारतीय संविधान के

75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस 26 नवंबर 2024 से आरंभ होकर वर्षभर

चलने वाले ऐतिहासिक समारोह ‘हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान’ के तहत संविधान स्वाभिमान

यात्रा का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय में पूरे वर्ष सभी कार्यक्रम कुलपति प्रो.

बलदेव राज काम्बोज के मार्गदर्शन में हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान कार्यक्रमों की

श्रृंखला के अंतर्गत कुलसचिव एवं नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार के तत्वावधान में आयोजित

किए गए। संविधान स्वाभिमान यात्रा में एनएसएस स्वयंसेवकों ने संयोजक डॉ. भगत सिंह व

एनसीसी संयोजक डॉ. विक्रम के नेतृत्व में भाग लिया। इस यात्रा को कुलपति प्रो. कम्बोज

ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

यात्रा के समापन पर कुलपति प्रो. कम्बोज ने शुक्रवार विद्यार्थियों को संबोधित करते

हुए कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे विस्तृत और लोकतांत्रिक संविधान है जिसने

देश को एकता, अखंडता और समानता के सूत्र में बांधा है। संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं

बल्कि देश की आत्मा है। संविधान की 75 वर्ष की यात्रा भारतीय लोकतांत्रिक परिपक्वता

का प्रतीक है। संविधान में प्रदत्त किए गए मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों पर प्रकाश

डालते हुए उन्होंने कहा कि हमारा संविधान नागरिकों को समानता, स्वतंत्रता, न्याय और

बंधुता की गारंटी देता है तथा सभी नागरिकों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहने की

प्रेरणा भी देता है। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया

जो 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ। डॉ भीमराव अंबेडकर का भारतीय संविधान में अत्यंत

महत्वपूर्ण, ऐतिहासिक और दूरदर्शी योगदान माना जाता है। उन्होंने संविधान के प्रारूप

को तैयार करने में निर्णायक भूमिका निभाई और समाज के कमजोर और वंचित वर्गो को मुख्य

धारा में लाने के लिए विशेष प्रावधानों का मार्ग प्रशस्त किया।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव एवं कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. पवन कुमार ने

विद्यार्थियों से कहा कि वे संविधान के सिद्धांतों को व्यवहार में लाएं और राष्ट्र

के नवनिर्माण में सक्रिय भागीदार बने। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमें संविधान

के मूल उद्देश्यों की याद दिलाते हैं और नागरिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं। इस अवसर

पर छात्र कल्याण निदेशक सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारीगण, विभागाध्यक्ष,

प्रशासनिक अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।