पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ (PU) में सीनेट चुनाव को लेकर शुरू बहस के बीच विवाद सुलझाने की कोशिशें प्रबंधन की ओर से तेज की जा रही हैं. वाइस चांसलर प्रोफेसर रेनू विज ने PU चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा के सदस्यों को एक बैठक के लिए बुलाया है, जिसे मोर्चा ने सकारात्मक रूप से स्वीकार कर लिया है. अब मोर्चा के सदस्य कल वाइस चांसलर के साथ बैठक करेंगे ताकि वे यह समझ सकें कि उनकी ओर से सीनेट चुनाव करवाने के लिए उपराष्ट्रपति से मंजूरी कैसे और कब मिल सकती है. मंजूरी मिलते ही चुनाव की तारीख अगले वर्ष घोषित करने पर विचार किया जाएगा, इस बात की जानकारी मोर्चा के नेतागण भी साझा कर रहे हैं. मोर्चा के सदस्य अशप्रीत सिंह ने कहा कि बैठक के बाद ही आंदोलन की अगली रूपरेखा तय होगी और अब आगे की रणनीति उसी निर्णय के आधार पर बनेगी. दरअसल, यह बैठक सीनेट चुनाव के लिए आवश्यक सरकारी मंजूरी और समयसीमा पर केंद्रित होगी, ताकि विवाद का कानूनन और प्रक्रियागत समाधान निकल सके. पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ (PU) आधिकारिक साइट और The Hindu जैसी व्यापक कवरेज भी इस संदर्भ में मददगार मानी जा रही है.
इस संघर्ष की पृष्ठभूमि हालिया वर्षों से जानी जा रही हल्फिया बयान और दाखिला प्रक्रिया से जुड़ी घटनाओं से जुड़ी है. PU ने इस वर्ष से दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों के लिए हल्फिया बयान अनिवार्य करने की दिशा में कदम उठाए थे, जिसे लेकर विद्यार्थियों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किए. हालांकि केंद्र सरकार ने 28 अक्तूबर को एक नोटीफिकेशन जारी कर सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने की घोषणा कर दी थी, जिससे संरचनात्मक गतिरोध और बढ़ गया. PU ने इस नोटिफिकेशन के साथ एफिडेविट वापस ले लिया, पर संघर्ष तब तक थमा नहीं जब तक सीनेट सिंडिकेट रद्द करने के नोटिफिकेशन को भी वापस लेने की मांग पूरी नहीं हो गई. अब केंद्र ने उस नोटिफिकेशन को भी वापस ले लिया है, जिससे छात्रों की मांग बढ़कर सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा तक पहुंच गई है. हालात यह हैं कि वाइस चांसलर ने कुछ दिन पहले ही जानकारी दी थी कि उन्होंने उपराष्ट्रपति को सीनेट चुनाव करवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है; जैसे ही मंजूरी मिलती है, चुनाव की तिथि की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन छात्रों का मानना है कि तारीख घोषित होने तक उनका संघर्ष समाप्त नहीं होगा. असल में इस पूरे संघर्ष की दिशा अब केंद्र-राज्य स्तर पर बनी मंजूरी प्रक्रिया पर टिकी है.
PU में 10 नवंबर 2025 को पंजाब के विभिन्न संगठनों के साथ मिलकरpu चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा ने प्रदर्शन किया था. इस आयोजन में स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे, पर बातचीत की आहट के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश भी की और इस दौरान कुछ क्षणों के लिए हल्की बल प्रयोग भी देखा गया. मोर्चा के नेताओं का कहना है कि वे सीनेट चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही अपने विरोध-प्रदर्शनों को भी नियंत्रित करेंगे, ताकि विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार के साथ संवाद मजबूत बना रहे. संगठनों के साथ एकजुट होकर किया गया यह प्रदर्शन दिखाता है कि PU के विद्यार्थियों के बीच चुनाव के समय-निर्धारण और प्रशासनिक निर्णयों को लेकर व्यापक असंतोष बना हुआ है. PU आधिकारिक साइट पर दी जा रही अपडेट्स और The Hindu के कवरेज को आप भी देख सकते हैं ताकि घटनाक्रम का ताजा स्वरूप समझा जा सके.