पंजाब विश्वविद्यालय (PU), चंडीगढ़ के चांसलर और उपराष्ट्रपति कार्यालय ने सीनेट चुनाव की तिथियाँ मंजूर करते हुए आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। विश्वविद्यालय सचिव सरिता चौहान ने स्पष्ट किया कि चुनाव वही निर्धारित शेड्यूल के अनुसार होंगे, जिसे पहले विश्वविद्यालय प्रशासन ने भेजा था। इस निर्णय के साथ PU चंडीगढ़ के प्रचार-प्रसार और प्रशासनिक तंत्र के बीच स्पष्टता आ गई है कि सीनेट निर्वाचन प्रक्रिया उसी क्रम में आगे बढ़ेगी। नोटिस में कहा गया है कि चुनाव की निगरानी और प्रक्रियागत नियम पूर्वनिश्चित कार्यक्रम के अनुरूप ही लागू होंगे। इस फैसले को PU-चंडीगढ़ के विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह लोकतांत्रिक प्रतिनिधित्व के रास्ते को साफ रखने की दिशा में एक स्पष्ट संकेत है।
तिथियाँ घोषित होते ही विश्वविद्यालय परिसर में विक्ट्री मार्च और अन्य छोटी-छोटी रैलियों की आवाज सुनाई दी। कई छात्र-युवा संगठनों ने इसे अपनी जीत का प्रतीक मानकर शुभकामनाओं के साथ प्रदर्शन किया, तो वहीं कुछ छात्रों ने कहा कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और सीनेट चुनावों के साथ-साथ परिसर के अन्य मुद्दों पर भी निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया। कल की निर्धारित बैठक में छात्र-समूह FIR सहित अन्य शिकायतों पर प्रशासन के साथ गहन चर्चा होगी, ताकि घटनाक्रम से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकल सके। इस बीच, छात्र नेताओं ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान, शांतिपूर्ण विरोध और उचित प्रतिनिधित्व हमारी प्राथमिकता है।
पृष्ठभूमि की बात करें, तो PU की पिछली सीनेट का पांच साल का कार्यकाल 31 अक्टूबर 2024 को खत्म हो गया था। नई सीनेट के गठन से पहले केंद्र सरकार ने पुरानी सीनेट को भंग कर दिया था, जिसके चलते चुनाव अटके पड़े रहे। PU चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा ने इस स्थिति के खिलाफ पिछले 25 दिनों से यूनिवर्सिटी कैंपस में धरना दे रखा था और इस दौरान कई संगठनों ने कार्यक्रमों में भाग लिया। आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी थी कि अगर चुनाव की तिथि घोषित नहीं होगी, तो 3 दिसंबर को पंजाब के सभी भाजपा दफ्तरों का घेराव किया जाएगा। उपराष्ट्रपति की ओर से चुनाव करवाने की मंजूरी दी गई थी, जो उस समय घेराव-धमकी से पहले की बात बताई जा रही है। इन घटनाक्रमों के बावजूद नोटिफिकेशन जारी होते ही सम्बन्धित पक्ष एक साथ आ गए और चांसलर-उपराष्ट्रपति कार्यालय ने संयुक्त रूप से चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का संकेत दिया है। अधिक जानकारी के लिए देखें PU का आधिकारिक पन्ना Punjab University, Chandigarh और घटना-समाचार पर Indian Express.
इन कदमों के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि नई सीनेट के गठन तक निर्वाचन प्रक्रिया कानून-व्यवस्था की कसौटी पर ही चलेगी, ताकि विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक संस्थानों की स्थिरता बनी रहे। SUCURV के अनुसार, सीनेट चुनावों की तिथियाँ सही समय पर घोषित कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया की धुरी को मजबूत किया गया है। इस विकास की ताजा जानकारी के लिए आप PU की आधिकारिक अधिसूचना और प्रेस ब्रीफिंग पर नज़र बनाए रखें, जहां उपराष्ट्रपति और चांसलर कार्यालय के द्वारा जारी नोटिसों का सार स्पष्ट किया गया है। साथ ही आगामी बैठक में FIR मामलों सहित अन्य मुद्दों पर प्रशासनिक तंत्र से ठोस जवाबों की उम्मीद है।
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