पंजाब-चंडीगढ़ में बढ़ी ठंड: तापमान 1°C गिरा, आदमपुर 6°C; पराली जलाने के केस घटे

पंजाब और चंडीगढ़ के मौजूदा मौसम पर नजर डाले तो आज भी क्षेत्र शुष्क बना हुआ है और अधिकांश जगहों पर दिन-रात तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। जबकि औसत अधिकतम तापमान में केवल 0.1°C की कमी दर्ज की गई है, तापमान सामान्य मान के ठीक करीब पहुंच चुका है। सबसे अधिक तापमान बठिंडा में 28.1°C के आसपास रिकॉर्ड हुआ, वहीं आदमपुर में न्यूनतम तापमान 6.0°C रहा। कुछ क्षेत्रों में हल्का कोहरा भी देखने को मिला। मौसम विभाग के अनुसार अगले चार दिनों के भीतर रात के तापमान में 2 से 4°C की और गिरावट की संभावना है, जिससे ठंडी सर्दी के आरम्भिक संकेत साफ तौर पर उभर रहे हैं। अधिकतर जगहों पर धुंध और हल्की ठंड का असर बना हुआ है। विस्तृत मौसम अपडेट के लिए IMD मौसम अपडेट देखें।

आगे की बात करें तो वायु गुणवत्ता (AQI) पंजाब और Chandigarh के कई शहरों में प्रदूषण के उच्च स्तर को दर्शाती जा रही है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाने की घटनाओं के साथ-साथ राज्य-चंडीगढ़ के कुछ इलाकों में धुंधलकी हवा मानी जा रही है। सुबह छह बजे Amritsar का AQI 104 रहा, जबकि Jalandhar 126, Khanna 126, Ludhiana 157 और Mandi Gobindgarh 190 पर रहा। Patiala का AQI 147 रहा। Chandigarh के सेक्टर-22 में AQI 166, सेक्टर-25 में 166 और सेक्टर-53 में 148 दर्ज किया गया। इन आंकड़ों के साथ सांस लेना कुछ क्षेत्रों में असुविधाजनक बना हुआ है। एक्शन के तौर पर विश्वस्तरीय AQI पब्लिकेशन साइट्स भी पंजाब-चंडीगढ़ के वास्तविक-समय AQI दिखाते हैं, देखें AQI लाइव मान

डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ठंडी मौसम में लोगों को मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए ताकि Air Quality और सर्दी-बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव हो सके। सर्दी के पहले पलों में सांस संबंधी रोगों से बचाव के लिए हल्के गर्म कपड़े पहनना और संतुलित आहार लेना लाभदायक रहता है। इस समय PM2.5 जैसे सूक्ष्म कणों की मौजूदगी वातावरण को toxic बना सकती है, इसलिए बाहरी गतिविधियों के दौरान विशेष सावधानी जरूरी है।

पराली जलाने के मामलों की स्थिति पर नजर डालें तो 15 सितम्बर 2025 से 24 नवम्बर 2025 तक कुल 5,088 मामले दर्ज हुए हैं। पिछले वर्ष (2024) में यह संख्या 10,909 रही थी, जो वर्ष-दर-वर्ष लगभग 53% अधिक थी। 2023 में यह आँकड़ा 36,663 रहा, जो पिछले वर्षों से लगभग 86% अधिक था, जबकि 2021 में रिकॉर्ड 71,304 मामले सामने आए थे। इस बार पॉल्यूशन बोर्ड ने stricter उपायों के साथ निगरानी बढ़ा रखी है और कई प्रकार के कदम उठाए गए हैं ताकि पराली जलाने पर नियंत्रण पाया जा सके। अधिक सूचना के लिए आप PCB की आधिकारिक वेबसाइट भी देख सकते हैं: Punjab Pollution Control Board

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– नोट: उपरोक्त आंकड़े और भविष्यवाणियाँ मौसम विभाग/PCB द्वारा जारी सूचनाओं पर आधारित हैं, जिन्हें समय-समय पर अपडेट किया जाता है।
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