पंजाब रोडवेज ने कच्चे मुलाजिम को सस्पेंड किया, जुर्माना भी लगाया

पंजाब में Kilometer Scheme के अंतर्गत बसों के टेंडर रद्द किए जाने के विरोध में चल रही व्यापक हड़ताल के बीच सरकार ने कानून-व्यवस्था और सार्वजनिक यातायात के सुचारू संचालन की दिशा में अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की घोषणा की है. परिवहन विभाग के अनुसार, हड़ताल में भाग लेने वाले सभी चालक-कर्मचारी और अन्य अस्थायी/कच्चे कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि Kilometer Scheme के टेंडर रद्द होने के निर्णय के बावजूद धरातल पर सेवाओं का गत्यात्मक सिलसिला बना रहे और यात्रियों को तीव्र असुविधा से बचाया जा सके. विभाग ने सभी कच्चे मुलाजिमों को एक साथ ईमेल भेजकर कार्रवाई की सूचना दी है, जिसमें उनके हड़ताल के कारण सार्वजनिक रूटों पर बसों के परिचालन में बाधा डालने को अपराध माना गया है. बड़े पैमाने पर निलंबन से यह संदेश साफ है कि नेक काम और सार्वजनिक हित के प्रति निष्ठा के बिना कोई भी कर्मचारी या यूनियन कार्रवाई अब सहन नहीं की जाएगी. इसके अलावा, सरकारी प्रविधान के अनुसार, इस प्रकार की अव्यवस्थित गतिविधि के लिए जुर्माने और अनुशासनात्मक कार्रवाई लागू करने के संकेत भी दे दिए गए हैं.

ईमेल में स्पष्ट निर्देश थे कि इल्लीगल धरना भागीदारी के कारण राज्य को आर्थिक क्षति पहुँची है. इसी आधार पर, रूट पर बस न चलाने के एवज में जुर्माने लगाए गए और सभी संबंधित कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से सेवाओं से निलंबित कर दिया गया है. विभाग ने यह भी कहा कि ऐसे कदम सार्वजनिक सेवाओं के सम्मान और रीति-रिवाज़ी मानकों के अनुरूप हैं ताकि आगे से किसी भी तरह की हड़ताल से जनता को परेशानी न उठानी पड़े. माना जा रहा है कि ये कार्रवाइयाँ Kilometer Scheme के संचालन के लिए एक स्पष्ट संदेश दे रही हैं कि असामान्य प्रदर्शन या अवरोधन से सरकार सख्ती से निपटेगी. हजारों यात्रियों के दैनिक आवागमन में आई बाधाओं के कारण यह कदम सुरक्षा और विश्वसनीयता के फ्रेमवर्क के भीतर लिया गया है.

सरकार ने कहा है कि यह त्वरित कार्यवाही जनता के मौलिक अधिकार—सार्वजनिक परिवहन की निर्बाध उपलब्धता—की सुरक्षा के लिए जरूरी थी. Kilometer Scheme के रूटों पर रोक या देरी के हालात जहां-जहां बने थे, वहां सेवा को नियंत्रण में रखने के लिए यह कदम उठाए गए. अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि निलंबन केवल ठेकेदार-स्तर के कच्चे मुलाजिमों तक सीमित है जिनके कारण परिचालन प्रभावित हुआ; स्थायी कर्मचारियों और अन्य परिचालकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा. इस कदम के साथ सरकार ने यह संकेत दिया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए निगरानी और नियंत्रण के उपाय मजबूत होंगे ताकि यात्रियों का भरोसा बना रहे. साथ ही, सार्वजनिक जवाबदेही के लिए विभाग ने आगे समीक्षा और पारदर्शी कार्रवाई के संकेत भी दिए हैं.

हम इस खबर को आगे भी अपडेट करते रहेंगे और जैसे-जैसे नई जानकारी सामने आएगी, उसका विश्लेषण एवं विवरण प्रकाशित किया जाएगा. पाठकों से अनुरोध है कि वे सुनिश्चित और आधिकारिक सूचना के लिए Punjab transport department के पन्नों और Punjab सरकार के पोर्टलों पर नजर रखें. नीचे दिए गए लिंक सीधे आधिकारिक स्रोतों तक पहुंच देते हैं: पंजाब सरकार और पंजाब परिवहन विभाग.

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