पंजाब सरकार ने पुलिस महकमे में बड़े फेरबदल की परंपरा रखते हुए चार जिलों में नए SSP नियुक्त कर दिए हैं, जिनमें Amritsar Rural भी शामिल है। सरकारी आदेश के मुताबिक Suhail Kaseem Mir अब Amritsar Rural के SSP होंगे, जबकि उनके स्थान पर Batala के SSP Mehtab Singh को नया पोस्ट दिया गया है। विजिलेंस ब्यूरो के जॉइंट डायरेक्टर (Crime) Tushar Gupta SBS Nagar के नए SSP बनाए गए हैं, वहीं Intelligence विभाग के AIG Abhimanyu Rana को Muktsar के SSP के रूप में तैनात किया गया है। इसके साथ Muktsar के SSP Akhil Chaudhary को ANTF (Anti-Narcotics Task Force) का AIG बना दिया गया है। यह सभी परिवर्तन उन कड़ियों में एक और मजबूत कड़ी जोड़ते हैं जिनमें जिले के कानून-व्यवस्था और गैंगस्टर के विरुद्ध कार्रवाई की गति बढ़ाने पर जोर है।
पूर्व भूमिका — 3 दिन पहले SSP Maninder Singh को सस्पेंड किया गया था, जिस पर सरकार ने गैंगस्टर गतिविधियों में वृद्धि और प्रभावी कार्रवाई में असफल रहने का ठोस कारण बताया। Maninder Singh 2019 बैच के IPS अफसर हैं और Amritsar Rural से पहले वह ACP के रूप में Amritsar कमिश्नरेट, Tarn Taran में SP, साथ ही पंजाब गवर्नर के ADC के पदों पर भी कार्य कर चुके हैं। यह बदलाव पंजाब के अपराध नियंत्रण के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है ताकि चुनावी माहौल में कानून-व्यवस्था मजबूत बनी रहे और गैंगस्टर दबाव पर नियंत्रण पाया जा सके।
उधर Tarn Taran उपचुनाव से पहले 11 नवंबर को निर्वाचन आयोग ने Tarn Tarn SSP Ravjot Kaur Grewal को सस्पेंड कर दिया था। उन्होंने निष्पक्षता के बजाय आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम करने के आरोपों का सामना किया। Tarn Tarn में पहली महिला SSP होने के नाते Grewal की भूमिका पर प्रश्न उठे, और चुनाव आयोग ने उनकी जगह Surinder Lamba को SSP नियुक्त किया। यह घटनाक्रम बताता है कि पंजाब में चुनाव से पहले सुरक्षा और निष्पक्षता के मानकों को किन तरीकों से कड़ा किया जा रहा है, और ट्रांसफर-प्लानिंग का दायरा किस कदर बढ़ रहा है।
इनके साथ एक और मामला Moga की ADC Charooomita का है, जिन्हें कुछ दिन पहले सस्पेंड किया गया। सरकारी स्रोतों के अनुसार National Highway पर Dharamkot से Bahadurwala तक क्षैतिज मार्ग के लिए जमीन एक्वायर करने के दौरान 3.7 करोड़ रुपये के मुआवजे के लेन-देन में गड़बड़ी मिली। SDM के तौर पर चारूमिता के इस मामले से सीधे जुड़े होने से इनकार किया गया है, पर इसकी चौNamedचाल से जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। यह प्रकरण साफ-साफ दर्शाता है कि भू-अधिग्रहण और मुआवजे के मामलों में पारदर्शिता और प्रशासनिक जवाबदेही को भी पर्याप्त तवज्ज़ो दी जा रही है, ताकि धांधली के रास्ते बंद हों।
कुल मिलाकर पंजाब सरकार का यह नया पुलिस ट्रांसफर-फेरबदल क्रम एक स्पष्ट संकेत है कि निजी सुरक्षा, गैंगस्टर नियंत्रण और चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था पर तेज-तर्रार निगरानी रखने की कोशिश हो रही है. आगामी महीनों में इनäs बदलावों का असर जिलेवार गतिविधियों और अपराध-रोधी अभियानों पर देखने को मिल सकता है, साथ ही विजिलेंस और निगरानी विभागों के साथ समन्वय भी और मजबूत होगा। अधिक ताजा अपडेट के लिए आप Punjab Police और The Tribune जैसी विश्वसनीय स्रोतों पर नजर बनाए रखें.
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