कपूरथला जिले के फगवाड़ा में मंगलवार देर शाम लगभग 8 बजे शिवसेना पंजाब प्रोविन्स के उपाध्यक्ष इंद्रजीत करवाल और उनके बेटे जिम्मी करवाल पर तेजधार हथियारों से जानलेवा हमला किया गया। गोशाला रोड के पास छह हमलावर बाइक पर सवार होकर पहुंचे और तलवारों से लैस होकर पिता-पुत्र को घेरकर हमला कर दिया। उन्होंने राहगीरों को डराने के लिए हवा में गोलियां भी चलाईं, जिससे क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। इस भिड़ंत में जिम्मी करवाल गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें फगवाड़ा के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं इंद्रजीत करवाल भी घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचे। यह घटना पूरी तरह से भय‑हड़कंप और दहशत का माहौल बनाकर गई।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस महकमे के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति पर नजर बनाए रखी। अस्पताल में भर्ती करवाए गए घायलों का उपचार जारी है और उनके बयान अभी दर्ज किए जा रहे हैं, ताकि आरोपी की पहचान और घटना के कारण स्पष्ट हो सकें। डीएसपी भारत भूषण ने कहा कि शुरुआती चरण की जांच में संभवत: मामला आपसी रंजिश से जुड़ा प्रतीत होता है, लेकिन पुलिस पूरी तरह अलर्ट है और हमलावरों की तलाश के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है। एसपी माधवी शर्मा ने बताया कि घटनास्थल पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्राथमिकता है और क्षेत्र में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है ताकि किसी भी प्रकार के अशांत हालात से निपटा जा सके।
घटना की सूचना के साथ ही स्थानीय हिंदू संगठन और शिवसेना के कार्यकर्ता गरम mood में आ गए और अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में जुट गए। देर रात तक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति से परिसर की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी तरह की अफरा-तफरी को रोकना संभव हो सके। अस्पताल में मिले आक्रोश के बीच क्षेत्रीय प्रशासन ने शांति बनाए रखने की कवायद शुरू कर दी है और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की जा रही है।
जिले के प्रमुख नेताओं के साथ-साथ घायल इंद्रजीत करवाल ने प्रशासन और पुलिस पर नागरिक सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया और तुष्टिकरण की नीति का उल्लेख करते हुए कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बुधवार को फगवाड़ा बंद का आह्वान किया है ताकि इलाके में बढ़ती असुरक्षा के खिलाफ व्यापक विरोध दर्ज कराया जा सके। साथ ही करवाल ने कहा कि पुलिस को अब स्पष्ट और जवाबदेह बयान देना चाहिए और जन सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। स्थानीय लोगों का भी कहना है कि शिकायत दिए तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने न तो उचित कार्रवाई की और न हमलावरों को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाए, जिससे प्रशासन के प्रति गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं।
जब सुरक्षाकर्मी मामले की तफ्तीश में व्यस्त थे, तो घटनास्थल के आसपास के लोगों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन और कानून की मर्यादा में रहने की बात कही है। इस वक्त यह स्पष्ट नहीं है कि आगे क्या कदम उठेंगे, लेकिन प्रशासन ने क्षेत्र में तनाव रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने का भरोसा दिया है। अधिक जानकारी और ताजा अपडेट के लिए आप नीचे दिए गए विश्वसनीय मीडिया कवरेज लिंक देख सकते हैं: NDTV और Times of India.
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