पंजाब पुलिस के महानिदेशक गौरव यादव गुरुवार को दिल्ली के Election Commission of India (ECI) के कार्यालय पहुंचे, जहां उनकी तलब तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के दौरान कथित पुलिस दखल की शिकायतों के सिलसिले में थी। अधिकारी ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की और ईसीआई दफ्तर में लगभग एक घंटे तक ठहरे रहे। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने दोपहर के समय दिल्ली पहुंचकर इलेक्शन कमीशन के दफ्तर में मुलाकात की, फिर बिना किसी टिप्पणी के बाहर निकल गए। यह मुलाकात उपचुनाव प्रक्रिया के निष्पादन और सुरक्षा-पहलू पर आयोग की समीक्षा का हिस्सा बताई जा रही है, ताकि निर्वाचन प्रक्रिया में निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
ECI ने इस मामले की जांच शुरू कर रखी है और तरनतारन उपचुनाव के दौरान सुरक्षा कर्मियों के व्यवहार पर विपक्षी दलों की आपत्तियों को भी यह जांच ประ हिस्सा माना जा रहा है। उपचुनाव के पुख्ता प्रभावों और सुरक्षा व्यवस्था की निष्पक्षता पर आयोग सक्रिय रूप से नजर रखे हुए है। मीटिंग के बाद पंजाब के DGP बिना कुछ बोले ही आयोग के दफ्तर से रवाना हो गए, जिससे असंतोष और सवालों के बीच आयोग की निगरानी और सुरक्षा-प्रणाली की सतर्कता की दिशा में साफ संकेत मिलते हैं।
इस बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तेज हैं, क्योंकि अकाली दल ने दलीय समर्थनों के संदिग्ध होने का दावा किया था कि पुलिस आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम कर रही है और उनके कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किए गए। इसी क्रम में आयोग को एक शिकायत भेजी गई थी, जिसके आधार पर SSP Ravjot Kaur Grewal को 8 नवंबर 2025 को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद स्पेशल DGP Ram Singh को 36 घंटे के भीतर FIRों की जांच सौंपने के निर्देश दिए गए। आरोपों की यह श्रृंखला यह बताती है कि तरनतारन उपचुनाव के दौरान पुलिस-नीति और चुनावी निष्पक्षता को लेकर कितनी संवेदनशीलता बढ़ चुकी है, और आयोग इस मामले की गहराई से निगरानी कर रहा है।
आगे की कार्रवाई के संदर्भ में आयोग के भूमिका पर नजर बनाए रखना महत्वपूर्ण है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। DGP गौरव यादव की दिल्ली यात्रा से संकेत मिलता है कि आयोग प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा-व्यवस्था और अविनयशुल्क आचरण को लेकर कड़ी निगरानी कर रहा है। आपातकालीन और प्रेक्षक-स्तर पर स्थिति का आकलन जारी है, और पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति इसे और स्पष्ट कर सकती है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए देखें: Election Commission of India और Punjab Police.
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