प्रयागराज। नगर में पशुपालन व्यवस्था को मजबूत बनाने और बेसहारा पशुओं की देखभाल में गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से प्रशासन ने बड़ा निर्णय लिया है। प्रयागराज की तीन गौशालाओं को मॉडल गौशाला के रूप में विकसित किया जाएगा।
अधिकारियों के अनुसार, चयनित गौशालाओं में आधुनिक सुविधाओं, बेहतर प्रबंधन प्रणाली, पशु चिकित्सा सेवाओं, स्वच्छता, चारे की उपलब्धता और डिजिटल रिकॉर्ड व्यवस्था को शामिल किया जाएगा।
किन-किन गौशालाओं का होगा चयन?
सूत्रों के मुताबिक, नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली तीन प्रमुख गौशालाओं को पहले चरण में मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इनमें पशुओं की संपूर्ण देखभाल, प्रकृत आधारित उपचार और हरित ऊर्जा का उपयोग भी शामिल किया जाएगा।
क्या बदलेगा मॉडल गौशाला बनने के बाद?
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पशुओं के लिए उच्च गुणवत्ता का चारा व पानी
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CCTV आधारित निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग
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रोगों की रोकथाम के लिए नियमित मेडिकल चेकअप
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सौर ऊर्जा और कचरा प्रबंधन प्रणाली
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कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
शहर में बेसहारा पशुओं की समस्या में मिलेगी राहत
अधिकारियों का कहना है कि मॉडल गौशाला की अवधारणा से शहर में आवारा पशुओं की समस्या कम होगी। बेहतर प्रबंधन के बाद इनके पुनर्वास व इलाज की व्यवस्था सुचारू होगी।
यह कदम नगर में पशु कल्याण और स्वच्छता को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।